गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने एक बार फिर यह साबित किया है कि नेतृत्व केवल आदेश देने में नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी और संवेदना के साथ खड़े होने में है। कांस्टेबल सौरभ कुमार, जो 25 मई की रात एक वांछित अपराधी की गिरफ्तारी के दौरान गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में शहीद हो गए, उनकी शहादत को लेकर कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने एक अत्यंत सराहनीय और भावनात्मक कदम उठाया है।
लिया ये फैसला
जानकारी के मुताबिक, गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने अपने निजी वेतन से एक लाख रुपये की सहायता राशि शहीद सौरभ कुमार के परिवार को देने की घोषणा की है। यही नहीं, कमिश्नरेट के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपने एक दिन का वेतन परिवार को आर्थिक सहायता के रूप में समर्पित करने का फैसला किया है।
इस प्रकार कुल 75 लाख 16 हजार रुपये की धनराशि परिवार को सौंपी जाएगी। यह निर्णय न केवल आर्थिक रूप से मददगार है, बल्कि पूरे पुलिसबल के भीतर एकता, संवेदना और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक बन गया है।
कमिश्नरेट ने जारी किया बयान
कमिश्नरेट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कांस्टेबल सौरभ कुमार ने न केवल बहादुरी दिखाई बल्कि अपने प्राणों की आहुति देकर ड्यूटी के प्रति अपनी निष्ठा को अमर कर दिया। गाजियाबाद के नहाल गांव में जब अपराधी कादिर की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई, उस दौरान हुई हिंसक फायरिंग और पथराव में सौरभ कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस कमिश्नर ने कहा ये
कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि कांस्टेबल सौरभ की वीरता को भुलाया नहीं जा सकता। “वो केवल एक जवान नहीं थे, बल्कि हमारे विभाग की शान थे। उनकी कुर्बानी को हमेशा याद रखा जाएगा,”
उन्होंने कहा- पुलिस विभाग में इस घटना को लेकर शोक की लहर है। हर पुलिसकर्मी सौरभ को एक सच्चा हीरो मानते हुए श्रद्धांजलि दे रहा है। वहीं, पुलिस कमिश्नरेट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हमलावरों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। आरोपी कादिर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके साथियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।