उत्तर प्रदेश पुलिस के कार्यवाहक महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार इस माह के अंत में 31 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से अब तक स्थायी डीजीपी की नियुक्ति की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न तो केंद्र सरकार को संभावित नामों का पैनल भेजा गया है, और न ही डीजीपी चयन के लिए आवश्यक समिति का गठन हुआ है। ऐसे में एक बार फिर प्रदेश को कार्यवाहक डीजीपी के भरोसे ही आगे बढ़ना पड़ सकता है।
बनी हुई हैं संभावनाएं
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, प्रशांत कुमार को छह महीने का सेवा विस्तार दिए जाने की संभावनाएं ज़रूर बनी हुई हैं। इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अब तक इस पर कोई आधिकारिक स्वीकृति नहीं मिली है।
ऐसे में सेवा विस्तार को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। जानकारों की मानें तो यूपी में आज तक किसी भी कार्यवाहक डीजीपी को सेवा विस्तार नहीं दिया गया है, जिससे इस बार भी संदेह बना हुआ है।
यदि सेवा विस्तार नहीं मिलता है तो फिर प्रदेश सरकार को किसी अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में तैनात करना होगा। हालांकि, स्थायी डीजीपी की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को नामों का पैनल भेजना जरूरी होता है। यह प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है।
फिर मिलेगा कार्यवाहक डीजीपी ?
ऐसे में संभावना यही बन रही है कि 1 जून से प्रदेश को एक नए कार्यवाहक डीजीपी के नेतृत्व में कार्य करना पड़ सकता है, जब तक कि स्थायी नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।