हाल ही में नागरिक पुलिस के लिए 60,244 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जिनमें 12,048 महिलाएं हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने महिला सिपाहियों के प्रशिक्षण को लेकर नई व्यवस्था लागू की है। यदि किसी चयनित महिला अभ्यर्थी को प्रशिक्षण के दौरान गर्भावस्था की स्थिति बनती है, तो वह तत्काल प्रभाव से प्रशिक्षण से हटा दी जाएगी। उसे अगली ट्रेनिंग बैच में तभी शामिल किया जाएगा, जब प्रसव के एक साल बाद वह शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट पाई जाएगी।
आधे से ज्यादा प्रशिक्षण छूटे तो फिर से करना होगा पूरा
अगर किसी महिला सिपाही की ट्रेनिंग अवधि साढ़े चार महीने से कम रह जाती है, तो उसे पूरी ट्रेनिंग दोबारा करनी होगी। लेकिन यदि उसने साढ़े चार महीने से ज्यादा का प्रशिक्षण पहले ही ले लिया है, तो उसे अगली ट्रेनिंग उसी स्तर से दोबारा शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
प्रसव के एक वर्ष के भीतर यदि महिला को प्रशिक्षण में शामिल होना है, तो उसे अपने जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) से फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। अगर अभ्यर्थी राज्य के बाहर की निवासी है, तो उसे ट्रेनिंग सेंटर के जिले के सीएमओ से ही यह प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा।
गर्भपात के मामलों में भी कड़ी व्यवस्था
प्रशिक्षण शुरू होने से पहले या उसके दौरान यदि किसी महिला प्रशिक्षु का गर्भपात होता है, तो भी उसे CMO से मेडिकल फिट रिपोर्ट प्राप्त कर प्रशिक्षण केंद्र में जमा करनी होगी। यह कदम प्रशिक्षण की गुणवत्ता और महिला स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।