बीते 31 जनवरी के दिन आईपीएस प्रशांत कुमार को यूपी पुलिस के डीजीपी के पद की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने कई वरिष्ठ आईपीएस अफसरों को हरा कर ये पद हासिल किया है। योगी सरकार ने आईपीएस के काम को देखने के बाद उन्हें ये जिम्मेदारी सौंपी है। एक समय था, जब योगी सरकार ने मेरठ में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए आईपीएस प्रशांत कुमार को मेरठ जोन भेजा था। उन्होंने कुछ ही समय में वहां अपराध और अपराधियों पर काबू पा लिया था। यही वजह है कि वो पहले यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनाए गए और फिर अब डीजीपी की कुर्सी तक पहुंच गए। रिपोर्ट्स की मानें तो मेरठ जोन कई अफसरों के लिए लकी माना जाता है। कई ऐसे अफसर हैं, जो मेरठ में तैनाती के बाद डीजीपी की कुर्सी तक पहुंच गए।
इनके लिए लकी रहा मेरठ जोन
जानकारी के मुताबिक, अगर सबसे पहले बात करें वर्तमान कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार की तो मेरठ जोन में तैनाती के दौरान उन्होंने अपराध का सफाया किया था। यहां उनके अच्छे काम को देखते हुए उन्हें एडीजी कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई। अब उन्हें डीजीपी का पद सौंपा गया है।
इसके पहले मेरठ जिले में 90 के दशक में एसएसपी रहे बृजलाल भी डीजीपी के पद तक पहुंचे हैं। मेरठ के एसएसपी रहे दूसरे आईपीएस मुकुल गोयल भी उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के पद तक पहुंचे हैं। मेरठ में ही तैनात रहे डीआईजी व पुलिस महानिरीक्षक डाॅ. विक्रम सिंह भी डीजीपी के पद तक पहुंचे हैं।
कई अफसर पहुंचे सर्वोच्च पदों पर
इसके अलावा भी कई अन्य अधिकारी रहे हैं, जिनकी मेरठ में तैनाती रही और वह पुलिस के सर्वोच्च पद पर पहुंचे हैं। इस लिस्ट में एएसपी के रूप में मेरठ में पहली तैनाती पाने वाले एके जैन यानी अरविंद कुमार जैन भी डीजीपी पद तक पहुंचे हैं। इसके साथ ही मेरठ में एएसपी रहे असीम अरुण एडीजी के पद तक पहुंचे और वर्तमान में वे प्रदेश सरकार में मंत्री हैं।