मथुरा जिला कारागार में पहली बार आईपीएल की तर्ज पर ‘जेल प्रीमियर लीग 2025’ का आयोजन किया गया। यह अनूठा क्रिकेट टूर्नामेंट एक महीने तक चला और इसमें कुल आठ टीमों ने भाग लिया। आयोजन का उद्देश्य कैदियों को मनोरंजन का अवसर देना और उनके तनाव को कम करना था।
जेल अधीक्षक ने दी जानकारी
जेल अधीक्षक अंशुमान गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि इस टूर्नामेंट को दो ग्रुप—ग्रुप ए और ग्रुप बी—में बांटा गया था, जिनमें चार-चार टीमें शामिल की गईं। हर टीम अलग-अलग बैरकों के बंदियों से बनाई गई थी। बुधवार शाम को टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला खेला गया, जिसमें बैरक नंबर 1 और 2 की टीम ‘नाइट राइडर्स’ ने बैरक 7 और 8 की टीम ‘दिल्ली कैपिटल्स’ को हराकर खिताब अपने नाम किया।
फाइनल मैच में कौशल नामक बंदी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ‘मैन ऑफ द मैच’ और ‘मैन ऑफ द सीरीज’ दोनों खिताब अपने नाम किए। टूर्नामेंट के दौरान कुल 15 मैच खेले गए। क्रिकेट प्रतियोगिता को पूरी तरह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शैली में आयोजित किया गया, जिसमें ऑरेंज कैप और पर्पल कैप जैसे पुरस्कार भी दिए गए। ऑरेंज कैप सर्वाधिक रन बनाने वाले बंदी भूरा को और पर्पल कैप सर्वाधिक विकेट लेने वाले पंकज को प्रदान की गई।
तनाव होगा दूर
जेल अधीक्षक गर्ग ने बताया कि कैदियों में लंबे समय तक न्यायिक प्रक्रिया चलने के कारण मानसिक तनाव होता है। कई बार मुलाकात न होने और जमानत न मिलने की स्थिति में वे अवसादग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे में खेल गतिविधियां उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होती हैं।
इस टूर्नामेंट में कुल 130 बंदियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जबकि शेष बंदी दर्शक बनकर उत्साहवर्धन करते नजर आए। जेल प्रशासन का मानना है कि ऐसे आयोजन कैदियों के बीच भाईचारे, अनुशासन और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देते हैं।
अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में भी इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी ताकि सुधारात्मक प्रयासों के जरिए जेल का वातावरण सकारात्मक और रचनात्मक बना रहे।