उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अफसरों की संपत्ति का ब्यौरा चौंकाने वाला है। केंद्र सरकार को भेजे गए रिपोर्ट में सामने आया कि कई डीआईजी, एडीजी और एसपी स्तर के अधिकारी संपत्ति के मामले में डीजीपी प्रशांत कुमार से आगे हैं।
डीजीपी के पास है इतनी संपत्ति
डीजीपी प्रशांत कुमार के पास सिर्फ नोएडा में एक फ्लैट है, जिसे उन्होंने 2006 में 20 लाख रुपये में खरीदा था। वहीं, डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री के नाम पर कोई अचल संपत्ति दर्ज नहीं है।
इसके विपरीत एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश के पास कुल 5 संपत्तियां हैं—इनमें बिहार में पुश्तैनी घर और जमीन के अलावा लखनऊ में घर व दो अन्य ज़मीनें शामिल हैं। इनकी पत्नी रेनू सिंह भारतीय वन सेवा अधिकारी हैं।
डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण के पास भी 3 संपत्तियां हैं—लखनऊ में एक घर, नोएडा में प्लॉट और बिजनौर में कृषि भूमि। वहीं, एडीजी पीएसी सुजीत पांडेय सबसे ज्यादा विविध संपत्तियों वाले अफसरों में से हैं। उनके पास नोएडा में फ्लैट और 20,000 वर्गफीट का ऑफिस स्पेस, लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में प्लॉट, गणेशपुर और मथुरा में ज़मीन है।
आईजी की संपत्ति जानकार होगी हैरानी
इन संपत्तियों में सबसे दिलचस्प है मिर्जापुर के आईजी राकेश प्रकाश सिंह का मामला, जिनके पास 25 संपत्तियां हैं, जिनमें 24 पुश्तैनी हैं। हालांकि बंटवारे के बाद उनके हिस्से में काफी कम ही जमीन आएगी।
जबकि एसपी इंटेलिजेंस केशव चंद्र गोस्वामी की पत्नी के नाम पर लखनऊ के विभिन्न इलाकों में प्लॉट हैं, जिनकी कीमतें 2-3 साल में 10 गुना तक बढ़ गई हैं। ये ब्यौरे बताते हैं कि अब यूपी में कुछ एसपी और एडीजी स्तर के अधिकारी, टॉप रैंक अधिकारियों की तुलना में कहीं अधिक संपत्ति के मालिक हैं।