मुंबई के 26/11 आतंकी हमलों में शामिल आरोपी तहव्वुर राणा को आखिरकार भारत लाया गया है। लंबे समय से चल रही प्रत्यर्पण प्रक्रिया के बाद अब भारत को बड़ी सफलता मिली है। अमेरिका से भारत लाने के इस बेहद संवेदनशील ऑपरेशन में एनआईए की तीन अधिकारियों की टीम ने अहम भूमिका निभाई। इस टीम का नेतृत्व आईजी रैंक के अधिकारी आशीष बत्रा ने किया। उनके साथ दो और होनहार आईपीएस अधिकारी जया रॉय और प्रभात कुमार शामिल थे। इन तीन अधिकारियों की मेहनत और समर्पण के चलते भारत को एक वांछित आतंकी की गिरफ्त में लाने में सफलता मिली है। आने वाले दिनों में राणा से पूछताछ कर 26/11 हमले से जुड़ी कई अहम जानकारियाँ सामने आ सकती हैं। आइए आपको इन तीनों के बारे में बताते हैं।
आशीष बत्रा
ये झारखंड कैडर के 1997 बैच के आईपीएस हैं। हरियाणा में जन्मे बत्रा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सिविल सेवा की तैयारी की और 1996 में उनका चयन हुआ। अपने करियर में उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में उल्लेखनीय काम किया है। वे 2018 में झारखंड जगुआर के आईजी भी रहे। वर्तमान में वे एनआईए में इंस्पेक्टर जनरल के रूप में तैनात हैं।
जया रॉय
ये पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। उन्होंने एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद यूपीएससी परीक्षा पास की और 2011 में आईपीएस बनीं। उन्हें झारखंड कैडर मिला। एनआईए में उप महानिरीक्षक के रूप में कार्यरत जया रॉय साइबर अपराध पर कड़ी कार्रवाई के लिए भी जानी जाती हैं।
प्रभात कुमार
ये बिहार के निवासी हैं। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और कुछ समय प्राइवेट सेक्टर में काम करने के बाद 2018 में यूपीएससी परीक्षा पास की। 2019 में वे छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस बने। एनआईए में एसपी पद पर कार्यरत प्रभात कुमार ने तहव्वुर राणा को अमेरिका से दिल्ली लाने के पूरे ऑपरेशन का समन्वय किया।