गोंडा जनपद में कार्यरत महिला पुलिसकर्मियों के लिए ड्यूटी और मातृत्व के दायित्वों के बीच संतुलन अब थोड़ा सहज हो गया है। अक्सर महिला पुलिसकर्मी अपने छोटे बच्चों को लेकर ड्यूटी के दौरान चिंता में रहती हैं—न तो नौकरी छोड़ी जा सकती है, न ही बच्चे को घर में अकेले छोड़ा जा सकता है। इसी द्वंद्व को खत्म करने के उद्देश्य से गोंडा पुलिस कार्यालय परिसर में एक अत्याधुनिक क्रेच और शिशु गृह की शुरुआत की गई है।
आईजी ने किया उद्घाटन
इस नवाचार का उद्घाटन देवीपाटन परिक्षेत्र के आईजी अमित पाठक, एसपी विनीत जायसवाल और वामा सारथी की अध्यक्ष डॉ. तन्वी जायसवाल ने संयुक्त रूप से किया। वामा सारथी पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन की पहल पर स्थापित यह क्रेच न केवल महिला बल्कि पुरुष पुलिसकर्मियों के लिए भी एक बड़ी राहत साबित होगा।
क्रेच में बच्चों के लिए आकर्षक खिलौनों, किताबों, पजल और एक्टिविटी टेबल जैसी सुविधाएं दी गई हैं, जिससे बच्चे सुरक्षित और रचनात्मक माहौल में समय बिता सकें। खास बात यह है कि यहां एक प्राइवेट फीडिंग रूम भी बनाया गया है, जो मातृत्व को पूरी गरिमा और सुविधा प्रदान करता है।
आईजी ने की सराहना
आईजी अमित पाठक ने इसे कार्यरत माता-पिता के लिए एक रोल मॉडल बताया, जबकि एसपी विनीत जायसवाल ने कहा कि यह पहल पुलिस बल के मानवीय पक्ष को सशक्त करती है। उद्घाटन समारोह में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण थी कि यह कदम संगठन के भीतर संवेदनशीलता और कल्याण की भावना को बढ़ावा देता है।
गोंडा में शुरू हुई यह पहल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है, जहां महिला कर्मी मातृत्व और ड्यूटी के बीच खुद को अकेला महसूस करती हैं।