बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की सोमवार रात तबीयत बिगड़ गई। पेट दर्द की शिकायत पर जेल प्रशासन ने माफिया को सुबह 3 बजकर 55 मिनट पर दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। फिलहाल, उसका ICU में इलाज चल रहा है। बांदा मेडिकल प्रशासन ने सुबह 8 बजे मुख्तार का पहला हेल्थ बुलेटिन जारी किया है। इसमें बताया कि मुख्तार के पेट में दर्द है। उसे 4-5 दिनों से कब्ज की शिकायत थी। फिलहाल, उसकी हालत स्थिर है।
पिता के लिए दुआ करें
मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं। प्रशासन और पुलिस की टीम उनको पीछे के गेट से अंदर ले गई। मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने फेसबुक पर लिखा- पिता की हालत बहुत गंभीर है। उनके लिए दुआ करें। उमर अपनी भाभी निखत अंसारी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं। वहीँ गाजीपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी(सपा) के उम्मीदवार और माफिया मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऊसरी चट्टी काण्ड में मुख्तार अंसारी की गवाही होनी है। और मुख्तार की गवाही रोकने के लिए उसे मारने की साजिश जारी है।
एम्बुलेंस मामले में सुनवाई हुई
मुख्तार के वकील नसीम हैदर ने बताया कि जांच के लिए सैंपल भेजा गया है, कोई रिपोर्ट अभी नहीं आई है। उनके पेट में बहुत ज्यादा तकलीफ है। अभी उनकी हालत ठीक नहीं है। 5 दिन पहले बाराबंकी की MP/MLA कोर्ट में गुरुवार (21 मार्च) को फर्जी एम्बुलेंस मामले में सुनवाई हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी होनी थी। मगर मुख्तार पेश नहीं हुआ था। उसकी जगह डिप्टी जेलर महेंद्र सिंह कोर्ट में पेश हुए। मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन भी कोर्ट पहुंचे और एक एप्लिकेशन दी थी। इसमें मुख्तार की तरफ से कहा गया- साहब, 19 मार्च की रात मुझे खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया है, जिसकी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई। मेरे हाथ-पैर और शरीर की नसों में दर्द हो रहा है। हाथ-पांव ठंडे हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि मेरा दम निकल जाएगा। 40 दिन पहले भी मेरे खाने में धीमा जहर दिया गया था। जो स्टाफ खाना बनाने के बाद चख कर मुझे देता है, वह भी बीमार पड़ गया और उसका इलाज कराया गया। इसलिए इलाज की व्यवस्था करवाई जाए। साथ ही मेडिकल बोर्ड बनाकर जांच करवाई जाए। सुनवाई के दौरान डिप्टी जेलर ने कोर्ट को बताया कि मुख्तार बीमार है। जिसके चलते वह पेश नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने 29 मार्च की तारीख लगा दी थी।
ADJ कोर्ट ने दोषमुक्त किया
मुख्तार को 17 महीने में 8 बार सजा हो चुकी है। इसमें से 2 उम्रकैद की सजा है। मुख्तार को पहली सजा 23 सितंबर 2022 को हुई थी। वहीं, 8वीं सजा 13 मार्च 2024 को हुई थी। मुख्तार के खिलाफ सजा का सिलसिला 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था। लखनऊ के आलमबाग थाने में 2003 में जेलर को धमकाने के मामले में ADJ कोर्ट ने दोषमुक्त किया। सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाईकोर्ट में मामले को चुनौती दी। इसी मामले में उसे पहली बार 7 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
मुख्तार अंसारी को मिली सजा
23 सितंबर 2022 को लखनऊ के हजरतगंज में दर्ज गैंगस्टर एक्ट में 2 साल की कैद और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था।
21 सितंबर 2022 को लखनऊ में सरकारी कर्मचारी को काम से रोकने और धमकाने के मामले में 2 साल की कैद और 10 हजार जुर्माना।
15 दिसंबर 2022 को 1996 में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में गाजीपुर के MP-MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा 5 लाख रुपए जुर्माना लगाया।
29 अप्रैल 2023 को कृष्णा नंद राय हत्याकांड और नंदकिशोर रूंगटा अपहरण कांड में लगाए गए गैंगस्टर एक्ट में 10 साल की जेल और 5 लाख जुर्माना।
5 जून 2023 को अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद हुई थी।
28 अक्टूबर 2023 को कपिल देव सिंह की हत्या मामले में 10 साल की कैद और पांच लाख रुपए जुर्माना लगाया था।
15 दिसंबर 2023 को मुख्तार को रूंगटा धमकी केस में वाराणसी की MP-MLA कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी।
2 दिन पहले जेलर-दो डिप्टी जेलर हुए थे सस्पेंड
2 दिन पहले बांदा जेल के जेलर योगेश कुमार, 2 डिप्टी जेलर राजेश और अरविंद कुमार को सस्पेंड कर दिया गया था। तीनों के खिलाफ मुख्तार अंसारी केस में लापरवाही बरतने पर एक्शन हुआ था। फिलहाल, इंटरस्टेट गैंग 191 का सरगना मुख्तार 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद है। उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली, पंजाब में 65 मुकदमे दर्ज हैं। 2017 में योगी सरकार आने से पहले वो पंजाब की रोपड़ जेल में था। उसे पंजाब से UP लाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। 2021 में मुख्तार को बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। जेल में उस पर 24 घंटे CCTV कैमरों से निगरानी होती है। रिश्तेदारों से मिलने पर रोक है। सख्ती इतनी है कि जेल में मुख्तार पर नरमी बरतने वाले डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह को सस्पेंड किया जा चुका है।