लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था अब पुराने ढर्रे को पीछे छोड़ तकनीक से सुसज्जित तेज रफ्तार युग में कदम रख चुकी है। राजधानी की सड़कों पर अब हाईस्पीड और मल्टी-टूल से लैस रेसर मोबाइल बाइकों की तैनाती कर दी गई है। गुरुवार को पुलिस लाइन से पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर ने कुल 42 मोबाइल बाइकों को रवाना किया, जो आने वाले दिनों में ट्रैफिक प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव की नींव रखेगी।
अब रफ्तार ही नहीं, तकनीक भी होगी साथ
इन नई बाइकों की खासियत केवल इनकी गति नहीं है, बल्कि इन पर लगे आधुनिक उपकरण इन्हें ट्रैफिक पुलिस के लिए एक बहुउपयोगी संसाधन बनाते हैं। GPS सिस्टम से लैस इन बाइकों की हर गतिविधि को कंट्रोल रूम से रियल-टाइम ट्रैक किया जा सकेगा। वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइसेज़, लाउड हेलर और ब्रेथ एनालाइज़र जैसे फीचर्स इन्हें भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और मौके पर शराब पीकर गाड़ी चलाने की जांच में सक्षम बनाते हैं।
पुलिस कमिश्नर के अनुसार, इन बाइकों को ऐसे ट्रैफिक प्वाइंट्स पर तैनात किया जाएगा जहां वाहनों का दबाव सबसे अधिक रहता है। हर बाइक के साथ एक प्रशिक्षित पुलिसकर्मी रहेगा जो अपनी बीट की ज़िम्मेदारी निभाएगा और सीधे एसीपी को रिपोर्ट करेगा। यह व्यवस्था न केवल निगरानी को चुस्त बनाएगी, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में पुलिस की प्रतिक्रिया समय को भी काफी कम कर देगी।
इन बाइकों को Integrated Traffic Management System (ITMS) से जोड़ दिया गया है। इससे नियंत्रण कक्ष को हर बाइक की लाइव लोकेशन और उसके कार्य की जानकारी मिलती रहेगी। इसका उद्देश्य लखनऊ को ‘स्मार्ट ट्रैफिक सिटी’ के रूप में विकसित करना है।
रेसर बाइकें ट्रैफिक जाम की स्थिति में फंसे एम्बुलेंस या जरूरी वाहनों तक भी तत्काल पहुंच सकेंगी। इसके अलावा, अवैध रूप से चलने वाले ई-रिक्शा, डग्गामार बसों और बिना परमिट वाहनों पर कार्रवाई को तेज़ किया जाएगा।
फोर्स मल्टीप्लायर का काम करेंगी ये बाइकें
कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर ने साफ किया कि ये बाइक्स लखनऊ पुलिस की कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा देंगी। तेज रफ्तार, तकनीकी सक्षमता और संचार साधनों से लैस ये रेसर बाइकें ट्रैफिक पुलिस के लिए ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ की भूमिका निभाएंगी। इस नई व्यवस्था से लखनऊ के ट्रैफिक संचालन में निश्चित तौर पर एक नई शुरुआत होगी, जो स्मार्ट, तेज और तकनीकी रूप से सक्षम है।