उत्तर प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण के नेतृत्व में कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस का पहला सख्त रुख सामने आया है। लखनऊ में ढाई साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और अपहरण के मामले में पुलिस ने एक लाख के इनामी आरोपित को मुठभेड़ में मार गिराया। यह कार्रवाई डीजीपी की तैनाती के बाद प्रदेश में पुलिस की पहली निर्णायक जवाबी कार्रवाई के रूप में देखी जा रही है।
इस मामले में था आरोपी
घटना बुधवार देर रात की है जब आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे एक व्यक्ति ने बच्ची को उसके पिता के पास से अगवा कर लिया। आरोपित दीपक वर्मा, जो रेलवे में पानी सप्लाई का काम करता था और माता रानी के जागरण में झांकियां निकालता था, ने इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि वह पहले भी कई बार झांकियों के दौरान बच्चियों को शिकार बना चुका था, लेकिन परिवारों ने शिकायत दर्ज नहीं कराई थी।
शहर भर में हुई तलाश
घटना के बाद पुलिस कमिश्नरेट के डीसीपी आशीष श्रीवास्तव के नेतृत्व में पांच टीमें गठित की गईं। शहरभर में 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिससे आरोपित की पहचान और उसकी गतिविधियां सामने आईं।
गुरुवार रात एसीपी कैंट ऑफिस के पास जब पुलिस ने उसे घेरा, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दीपक घायल हो गया। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।