जानें क्यों दिया गया यूपी के सरकारी दफ्तरों से योगी-मोदी के फोटो हटाने के आदेश

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लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान होते ही देश के सबसे बड़े महापर्व की शुरुआत हो गई है। राजनीतिक दल आगामी चुनाव में विजय श्री हासिल करने के लिए चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। इसको लेकर सभी पार्टियों ने अपना अपना खाका तैयार कर लिया है। उधर राजनीतिक दलों की तैयारियों के साथ साथ चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव सकुशल सम्पन्न कराने के लिए अपनी कमर कस ली है। चुनाव की तारीखों का एलान करते ही चुनाव आयोग एक्शन में आ गया है। जिसके रिजल्ट भी दिखने शुरू हो गए हैं। इसी क्रम में सरकारी दफ्तरों से नेताओं की फ़ोटो हटाने के भी निर्देश दे दिए गए हैं।

आदर्श आचार संहिता के चलते लिया गया

शासन की ओर से सभी शासकीय कार्यालयों से सभी राजनेताओं की तस्वीर हटाने के निर्देश दिए गए हैं। यह फैसला लोकसभा चुनाव को लेकर लागू हुई आदर्श आचार संहिता के चलते लिया गया है। हालांकि इस दौरान शासकीय कार्यालयों में देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की तस्वीर लगी रह सकती है।

 

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शासकीय दफ्तरों से हटाई जाएगी फोटो

इसके अलावा सभी नेताओं की तस्वीर सरकारी दफ्तर से हटने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव जितेंद्र कुमार ने सभी एसीएस, प्रमुख सचिव और सचिव को पत्र भेज दिया है। इसके साथ ही यूपी के सभी विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को भी पत्र भेजा गया है। इस तरह सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी सरकार के मंत्री समेत सभी राजनेताओं की फ़ोटो शासकीय दफ्तरों से हटाई जाएगी।

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