पकड़ा गया Badaun मर्डर केस का दूसरा आरोपी जावेद, Up Police ने किया था 25,000 का इनाम

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बदायूं (Budaun murder case) में दो बच्चों की हत्या के दूसरे आरोपी जावेद (Javed Arrested) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले इस मामले में आरोपी साजिद पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था. पुलिस ने जावेद के बारे में जानकारी देने वाले के लिए 25 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की थी. पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद जावेद दिल्ली भाग गया था. जिसके बाद फिर UP के बरेली आ गया था. पुलिस ने उसे बरेली से ही गिरफ्तार किया है.

जावेद से पूछताछ की जा रही

यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी जावेद पुलिस एनकाउंटर में मारे गए साजिद का भाई है. घटना के बाद उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया था. पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी. अब गिरफ्तारी के बाद जावेद से पूछताछ की जा रही है. जावेद को 20 से 21 मार्च की दरम्यानी रात को बारादरी थाना क्षेत्र के सेटेलाईट बस स्टैंड पर देखा गया था. सोशल मीडिया पर जावेद का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. जिसमें वो एक ऑटो पर सवार दिखाई दे रहा था. स्थानीय लोगों ने जब उसे देखा तो उसका वीडियो बना लिया और पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. जावेद दिल्ली से वापस आकर सरेंडर करने की फिराक में था।

जानें क्या है बदायूं हत्याकांड की थ्योरी

मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, बीते 19 मार्च की शाम को 13 साल के आयुष प्रताप और 6 साल के अहान प्रताप की हत्या कर दी गई थी. वहीं एक तीसरे बच्चे पीयूष पर भी हमला किया गया था. जिसमें पीयूष घायल हो गया था. आरोपी साजिद का सैलून मृतक बच्चों के पिता विनोद कुमार सिंह के घर के सामने ही था. 19 मार्च की शाम को आरोपी साजिद पीड़ित परिवार के घर गया था. साजिद ने बच्चों की मां संगीता से 5 हजार रुपये मांगे थे. इस बीच उसने संगीता के बीच वाले बेटे को पान-मसाला लाने के लिए बाहर भेज दिया. उसने संगीता से कहा कि उसका मन घबरा रहा है, इसलिए छत पर जाना चाहता है. बड़े बेटे आयुष को पानी लाने के लिए कहा. इस बीच साजिद ने बाहर खड़े अपने भाई जावेद को भी घर के अंदर बुला लिया. इसके बाद साजिद, जावेद और दोनों बच्चें आयुष और अहान छत पर चले गए. संगीता पैसे लेने चली गई थीं. जब पैसे लेकर निकलीं तो साजिद और जावेद सीढ़ियों से उतर रहे थे. उनके पास छुरी थी, जिस पर खून लगा हुआ था. FIR के मुताबिक जावेद ने पान-मसाला लेकर वापस आए पीयूष पर भी छुरी से वार किया. लेकिन वो किसी तरह अपनी जान बचा पाया. वहीं संगीता ने छत पर जाकर देखा तो उनके दोनों बेटे खून से लथपथ थे. उनकी मौत हो चुकी थी.

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