केंद्रीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनावों के कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। अब मई तक देश में चुनावी माहौल रहेगा। अगली सरकार बनाने के लिए सभी राजनीतिक दल चुनावी मैदान में टक्कर लेंगे। इस बार 97 करोड़ से ज्यादा मतदाता मतदान में हिस्सा लेंगे। चुनावी कार्यकर्म के ऐलान के साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। अब देश में सरकारें तो होंगी, लेकिन वह सभी दिशानिर्देश चुनाव आयोग से लेंगी। अब देशभर में चुनाव कराने के लिए अर्धसैनिक बल और पुलिस बल की तैनाती कर दी जाएगी। चुनाव सात चरणों में होंगे और उसी हिसाब से चुनाव आयोग सुरक्षाबलों की तैनाती का प्लान बनाया है।
कई अन्य राज्यों में जहां बड़ी संख्या में
बड़ी संख्या में सीएपीएफ की होगी तैनातीसीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) शामिल हैं। सभी सीएपीएफ की संयुक्त ताकत लगभग 10 लाख कर्मियों की है। कई अन्य राज्यों में जहां बड़ी संख्या में सीएपीएफ को तैनात किए जाने की उम्मीद है।गुजरात, मणिपुर, राजस्थान और तमिलनाडु में प्रत्येक में 200 कंपनियां, ओडिशा में 175 कंपनियां, असम और तेलंगाना में से प्रत्येक में 160 कंपनियां, महाराष्ट्र में 150 और मध्य प्रदेश में 113 कंपनियां तैनाती की जाएंगी। जिन बलों को पश्चिम बंगाल, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और जम्मू-कश्मीर में तैनात किया जाएगा, वे पहले ही अपने-अपने गंतव्य पर पहुंच चुके हैं।
जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय रहेगा
चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान से पहले राज्यों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी जाएगी। इसके साथ ही सभी जिलों में 24 घंटे कंट्रोल रूम सक्रिय रहेगा। वहीं जो बूथ संवेदनशील हैं, वहां वेब कास्टिंग भी की जाएगी। इसके साथ ही अब स्थानीय पुलिस अपने इलाकों में हथियारों को थानों में जमा कराएगी। पुराने हिस्ट्रीशीटरों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी जाएगी। इसके साथ ही बॉर्डर इलाकों में ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी।
कश्मीर से अधिक पश्चिम बंगाल में तैनात होंगे सीएपीएफ
पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ के अधिकतम 92,000 कर्मियों को तैनात किए जाने की संभावना है। जहां सात चरणों में चुनाव होंगे। आतंकवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में 63,500 कर्मियों को तैनात किया जाएगा, जहां पांच चरणों में मतदान होगा। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में 36,000 जवान तैनात किए जाएंगे, जहां तीन चरणों में मतदान होगा। मामले से अवगत एक अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के अनुरोध पर विचार किया है और स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में सीएपीएफ की अधिकतम 3,400 कंपनियों को तैनात करने का फैसला किया है। एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 कर्मी शामिल होते हैं। आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी लोकसभा चुनाव के साथ ही होंगे। अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में चरणबद्ध तरीके से सीएपीएफ की अधिकतम 920 कंपनियां तैनात किए जाने की उम्मीद है, इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 635 कंपनियां, छत्तीसगढ़ में 360 कंपनियां, बिहार में 295 कंपनियां, उत्तर प्रदेश में 252 कंपनियां और आंध्र में 250 कंपनियां तैनात की जाएंगी।
‘चुनाव बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण तरीके संपन्न कराएंगे’
चुनाव कार्यक्रमों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि इलेक्शन कमीशन का प्रयास है कि चुनाव बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण तरीके संपन्न कराए जाएं। पिछले वर्षों में हमने यह करके भी दिखाया है। अभी हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव हुए। यह चुनाव हमने शांतिपूर्ण संपन्न कराए। अब इस बार भी हमारी कोशिश रहेगी कि यह चुनाव भी बिना किसी हिंसा और लड़ाई-झगड़े के कराए जाएं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनाव के लिए 2100 से अधिक सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया जा रहा है। वे आयोग की आंखें और कान हैं जो प्रलोभन और भय से मुक्त चुनाव कराने और सभी के लिए समान अवसर प्रदान करने की निगरानी करेंगे।
चरणों के अनुसार ही फ़ोर्स को आगे बढ़ाया जायेगा
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि मतदान के चरणों के अनुसार ही फ़ोर्स की तैनाती की जाएगी। हालांकि सुरक्षा व्यवस्था पूरे देश में ही कड़ी रहेगी लेकिन चुनाव वाले जिलों में आयोग का अतिरिक्त ध्यान रहेगा। चरणों के अनुसार ही फ़ोर्स को आगे बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर बिलकुल भी कोताही नहीं बरती जाएगी और इस बाबत जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए गए हैं। बता दें कि आम चुनावों के दौरान इलेक्शन कमीशन गृह मंत्रालय को अर्धसैनिक बलों के जवानों की संख्या भेजता है। आयोग की सलाह पर गृह मंत्रालय अपने जवानों को चुनावी क्षेत्र में तैनात करता है। इन अर्धसैनिक बलों में बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ, स्थानीय पुलिस बल और होमगॉर्डस की तैनाती की जाती है।