उत्तर प्रदेश में निष्पक्ष व शांतिपूण ढंग से लोकसभा चुनाव कराने के लिए यूपी पुलिस बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल करने जा रही है. इसके लिए सी प्लान ऐप (C Plan App) को हथियार बनाने की योजना है. इस ऐप के जरिए पुलिस अफवाहों पर लगाम लगाएगी. आम लोगों की सुविधा के लिए बने इस अप्लीकेशन पर करीब 15 लाख लोग जुड़े हैं. इनकी मदद से पुलिस फेक न्यूज को काउंटर करने जा रही है. किसी अफवाह की स्थिति में पुलिस संबंधित इलाके के लोगों से संपर्क साधेगी और उनके माध्यम से तथ्यों को प्रसारित कर लोगों को जागरूक करने का काम करेगी. इसके अलावा पूरे उत्तर प्रदेश में 10 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, ये कैमरे संवेदनशील इलाकों में लगाए गए हैं, जहां से अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए इन कैमरों की मदद लेगी और साथ ही साथ पुलिस मुख्यायलय पर बने कंट्रोल रूम से पुलिस की खासा नजर सोशल मीडिया पर अफवाह फ़ैलाने वालो पर भी है। बता दें कि इस C Plan App का पूरा नाम कम्यूनिकेशन एप है. इसे कम्यूनिटी पुलिसिंग के लिए बनाया गया है. इस ऐप को 2019 में सीएम योगी ने लॉंच किया था. इसका इस्तेमाल 2019 लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2021 में पंचायत चुनावों में भी किया जा चुका है. इसके माध्यम फेक न्यूज पर लगाम लगाने में कामयाबी मिली थी. अब एक बार फिर इस ऐप को यूपी पुलिस अपना हथियार बनाने जा रही है.
जानें क्या है यूपी पुलिस का सी प्लान
प्रदेश के हर इलाके से जुड़े डिजिटल वॉलेंटियर्स अपने अपने क्षेत्र की संवेदनशील गतिविधियों और स्थानीय स्तर पर पांव पसार रही अफवाहों के बारे में तत्काल पुलिस विभाग को सूचित करते हैं, जिससे किसी भी प्रकार की हिंसा और अपराध को समय रहते ही काबू करने में काफी मदद मिलती है. यह ऐसे लोग होते हैं, जो किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में पुलिस के मददगार बनकर समाज में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए तत्पर रहते हैं. पुलिस मुख्यालय से इन डिजिटल वॉलेंटियर्स से कभी भी आसानी से संपर्क स्थापित किया जा सकता है. साथ ही थाना स्तर पर इन डिजिटल वॉलेंटियर्स का वाट्सएप ग्रुप भी सक्रिय रहता है. सी प्लान एप को कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत आमजन से सीधा संवाद स्थापित करने और समाज में लॉ एंड ऑर्डर को मेंटेन रखने के लिए पब्लिक की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है. ऐप के जरिए ना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में, बल्कि शहरी कस्बों और मोहल्लों के संभ्रांत लोगों से भी पुलिस मुख्यालय से सीधा संपर्क आसानी से किया जा सकता है. ऐप का संचालन सीधे लखनऊ स्थित पुलिस हेडक्वार्टर से होता है. इसे डीजीपी के कंट्रोल रूम और यूपी 112 के कंट्रोल रूम से भी जोड़ा गया है. दोनों कंट्रोल रूम 24 घंटे काम करते हैं. सी प्लान ऐप आम जनता के लिए नहीं है. इसे केवल पुलिसकर्मी ही इस्तेमाल कर सकते हैं. पुलिसकर्मियों के स्मार्ट फोन पर इस ऐप को डाउनलोड करने के बाद संबंधित थाने का सीयूजी नंबर दर्ज करना होता है. सीयूजी नंबर दर्ज करने के बाद उस मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है. ओटीपी अंकित करते ही ऐप सक्रिय हो जाता है. ऐसे में डिजिटल वॉलेंटियर्स सी प्लान ऐप पुलिस की आंख, कान और नाक साबित होंगे.
फोर्स की कमी को पूरा करने के लिए
DGP प्रशांत कुमार के अनुसार, सी प्लान ऐप के जरिए पुलिस ने अब तक उत्तर प्रदेश के लगभग 15 लाख डिजिटल वॉलेंटियर्स को अपने डेटाबेस में जोड़ने का काम पूरा कर लिया है। प्रशांत कुमार के अनुसार प्रदेश में होने वाली बड़ी रैली व बड़े नेता के आगमन पर भीड़ कंट्रोल करने के लिए भी विभाग के पास खास प्लान तैयार है। फोर्स की कमी को पूरा करने के लिए सभी जोन को आपस में लिंक किया गया है। जिस क्षेत्र में आयोजन होगा वहां पर दूसरे जोन की फोर्स को बुलाकर कमी को तत्काल पूरा किया जाएगा। चुनाव के दौरान अगर अतिरिक्त फोर्स की आवश्यकता पड़ती है तो मुख्यालय से फोर्स भी दी जाएगी। मुख्यालय पर तैनात पुलिस अधिकारियों को भी विशेष ड्यूटी को देखते हुए लगाया जाएगा।