युद्ध की जाने की अनुमति मांगने वाले पुलिसकर्मी का इतिहास निकला काला, कई बार निलंबित और भेजा जा चुका है जेल

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रामपुर पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल चमन सिंह ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के डीजीपी को पत्र लिखकर भारत-पाकिस्तान युद्ध में जाने की अनुमति मांगी थी। उन्होंने खुद को युद्ध के लिए तैयार बताया, यहां तक कि यह भी कहा कि वह SLR, INSAS और AK-47 जैसे हथियार चलाने में दक्ष हैं। लेकिन इस ‘देशभक्ति’ के पीछे की असलियत कुछ और ही निकली। अब रामपुर पुलिस ने चमन सिंह के पुराने कारनामों की सूची जारी कर दी है, जिससे उसके अतीत की परतें खुलने लगी हैं।

इन मामलों में रहे लिप्त 

चमन सिंह का पुलिस रिकॉर्ड विवादों से भरा हुआ है। उस पर पांच मुकदमे दर्ज हैं और वह तीन बार जेल जा चुका है। पहली बार फरवरी 2023 में, दूसरी बार अप्रैल 2023 में और दोनों बार उसे कुछ ही दिनों में रिहा कर दिया गया था। इन मामलों में मारपीट, अनुशासनहीनता और थाने के अधिकारियों से अभद्रता जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

इतना ही नहीं, चमन सिंह के खिलाफ विभागीय जांचें भी लंबित रही हैं। साल 2021 में अयोध्या ड्यूटी पर न जाते हुए वह गायब हो गया था, जिसके बाद उसे निलंबित कर “परिनिन्दा प्रविष्टि” का दंड दिया गया। 2022 में मारपीट और 2023 में थाना प्रभारी से भिड़ंत के मामले भी उसके नाम दर्ज हैं।

हो गया तबादला

वर्तमान में चमन सिंह का तबादला लखीमपुर खीरी कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार, यह स्थानांतरण उसकी अनुशासनहीनता और विवादास्पद गतिविधियों को देखते हुए पहले से ही प्रस्तावित था। अब उसके वायरल वीडियो और डीजीपी को भेजे गए पत्र के बाद मामला और चर्चित हो गया है।

 

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