कानपुर शहर में बढ़ते भूमि विवाद और पुलिस पर लगते गठजोड़ के आरोपों ने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार को सख्त रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया है। शुक्रवार को हुई ऑनलाइन क्राइम ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने कमिश्नरेट के सभी थानेदारों को तीखे लहजे में स्पष्ट निर्देश दिए— “तीन दिन में असर दिखना चाहिए, नहीं तो समझो लाइन हाजिर हो गए हो।”
शिकायतों के बाद दिए निर्देश
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि लगातार माफिया, गैंगस्टर और अपराधियों के साथ पुलिस के कुछ अधिकारियों की सांठगांठ की शिकायतें मिल रही हैं। अगर जल्द परिणाम नहीं आए तो “सबको नापने” से भी वह नहीं हिचकेंगे। उन्होंने दो टूक कहा— “किस थाना क्षेत्र में कौन क्या कर रहा है, सबकी रिपोर्ट मेरे पास पहुंच रही है। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करने वालों की अब थानेदारी भी नहीं बचेगी।”
खासकर जमीन पर अवैध कब्जे और भूमाफियाओं के बढ़ते प्रभाव पर कमिश्नर गंभीर दिखे। उन्होंने कहा कि भूमि कब्जा से जुड़ी घटनाओं में वादी को एक से दूसरी चौखट पर दौड़ाया जा रहा है। इस रवैये पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की और चेतावनी दी कि शिकायत मिली तो कार्रवाई तय है।
थानेदारों को मिली चेतावनी
कमिश्नर ने यह भी बताया कि कई मामलों में वकील, पत्रकार और पुलिसकर्मियों के गठजोड़ के प्रमाण भी सामने आ रहे हैं। यदि किसी थाना क्षेत्र से इस तरह की सांठगांठ की पुष्टि होती है तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
कमिश्नर के सख्त रुख के बाद देर रात तक थानेदारों में हड़कंप मच गया और कई थानेदार जमीन विवादों की फाइलों में सिर खपाते नजर आए। साथ ही भूमाफिया के पुराने रिकॉर्ड खंगालने का भी सिलसिला शुरू हो गया।