कानपुर कमिश्नरेट में तैनात 1,550 पुलिसकर्मियों का अगले महीने का वेतन अब रोक जा सकता है। रिपोर्ट्स की माने तो उन पुलिसकर्मियों ने अपनी चल-अचल संपत्तियों का विवरण निर्धारित समय सीमा तक प्रस्तुत नहीं किया है। शुक्रवार को यानी कि आज ये विवरण जमा करने की अंतिम तिथि थी, लेकिन दरोगा, हेड कांस्टेबल और सिपाही रैंक के कई कर्मियों ने अभी तक अपनी संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया है। ऐसे में इनके खिलाफ नोटिस जारी किया गया है।
इसलिए मांगी गई जानकारी
जानकारी के मुताबिक, शासन को कई पुलिसकर्मियों के पास आय से अधिक संपत्ति होने की जानकारी आई थी। इन शिकायतों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मी होटल, रेस्टोरेंट, बस और ट्रक ट्रांसपोर्ट जैसे व्यवसायों में संलिप्त हैं। जिसके बाद सभी से ब्योरा मांगा गया था। इसमें कमिश्नरेट कार्यालय, जोन कार्यालय और थानों के स्टॉफ शामिल हैं। ऐसे में कुल 8,600 पुलिसकर्मियों से विवरण मांग गया था।
1550 पुलिसकर्मियों ने नहीं दिया विवरण
शासन द्वारा विवरण मांगे जाने के बावजूद कानपुर में 1550 पुलिसकर्मियों ने अभी तक अपनी संपत्तियों का विवरण प्रस्तुत नहीं किया है। जबकि आज विवरण देने की आखिरी तारीख थी। इस लापरवाही के चलते, विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए वेतन रोकने का निर्णय लिया है। इससे पहले भी, संपत्ति का ब्योरा न देने वाले पुलिसकर्मियों की सैलरी रोकने के आदेश जारी किए गए थे, ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
संपत्ति का ब्योरा ना देने वालों में दरोगा, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं। उच्चाधाकारियों ने ब्यौरा ना मिलने पर इनका मार्च माह का वेतन रोकने की बात कही है। इस कार्रवाई के बाद महकमे में हड़कंप मचा गया है।