उत्तर प्रदेश कैडर के 1989 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में डीजी रूल्स एंड मैनुअल्स के पद पर कार्यरत आशीष गुप्ता ने सरकार से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की मांग की है। सेवानिवृत्ति में अभी 22 महीने शेष होने के बावजूद उन्होंने तीन महीने का नोटिस देकर वीआरएस के लिए आवेदन किया है। उनके इस फैसले को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
कौन हैं आईपीएस आशीष गुप्ता?
आशीष गुप्ता मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं और उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रह चुके हैं और नेटग्रिड (NATGRID) के सीईओ के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा, वे बीएसएफ में अतिरिक्त डीजी के रूप में भी कार्यरत रहे हैं। वर्ष 2000-2002 के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारतीय दल के कमांडर की भूमिका निभाकर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई थी।
खबरों की मानें तो 2022 दिसंबर में आशीष गुप्ता को केंद्र सरकार से उत्तर प्रदेश वापस भेज दिया गया था। इसके बाद वो छह महीने प्रतीक्षारत रहे और फिर फिर जून 2023 में उन्हें डीजी रूल्स एंड मैनुअल्स नियुक्त किया गया। इससे पहले वो नेटग्रिड के सीईओ के रूप में कार्य कर रहे थे, लेकिन वहां से हटाकर उन्हें बीएसएफ में अतिरिक्त डीजी बना दिया गया।
ये मानी जा रही वजह
यूपी वापसी के बाद उनकी तैनाती को लेकर बनी अनिश्चितता और लंबे समय तक प्रतीक्षा सूची में रखे जाने को उनके वीआरएस के पीछे प्रमुख कारण माना जा रहा है। आशीष गुप्ता के वीआरएस लेने के बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि वे सरकारी सेवा से अलग होकर निजी क्षेत्र में अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। संभावना है कि वे सुरक्षा, टेक्नोलॉजी या प्रशासनिक क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग किसी नए कार्य में करें।