झांसी पुलिस विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी पुलिस कर्मी रामदेव की प्रतिभा को एसएसपी सुधा सिंह ने पूरे शहर के सामने लाने का सराहनीय कार्य किया। रामदेव, जो विभाग में पेंटर के पद पर कार्यरत हैं, आमतौर पर कार्यालयों की नेम प्लेट, वाहनों की नंबर प्लेट और वॉल पेंटिंग बनाने का कार्य करते हैं। 1997 में भर्ती होने के बाद से वे गुमनाम कलाकार के रूप में ही कार्य कर रहे थे।
दिवाली पर देखा था काम
जानकारी के मुताबिक, पिछले साल दीवाली पर एसएसपी सुधा सिंह के बंगले की सजावट के दौरान रामदेव ने कुछ कलाकृतियाँ बनाई थीं, जिन्हें देखकर एसएसपी प्रभावित हुईं। उन्होंने उनकी कला को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने का निर्णय लिया। जिसके बाद आज की तारीख तय करके राजकीय संग्रहालय में एक भव्य पेंटिंग प्रदर्शनी आयोजित करवाई। इस प्रदर्शनी में झांसी पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कमिश्नर, डीआईजी समेत आम जनता ने भी भाग लिया।
प्रदर्शनी की तैयारी के लिए रामदेव ने दिन-रात मेहनत की और मात्र तीन महीनों में 15 बेहतरीन पेंटिंग्स तैयार कीं। इन पेंटिंग्स का मुख्य विषय महिला सशक्तिकरण था, जिसमें मां दुर्गा, काली, आधुनिक युग की महिलाओं के चित्रण के साथ-साथ भगवान गणेश और प्रकृति का भी जीवंत चित्रण किया गया था।
पुलिसकर्मियों को मिला प्रोत्साहन
इस पहल से न केवल रामदेव की कला को पहचान मिली, बल्कि यह भी साबित हुआ कि पुलिस विभाग में कार्यरत कर्मियों के भीतर छिपी हुई प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है। एसएसपी सुधा सिंह द्वारा किया गया यह कार्य अन्य पुलिसकर्मियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बना, जिससे यह संदेश गया कि उनकी प्रतिभा को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें बढ़ावा दिया जाएगा।