2012 बैच के आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी सिद्धार्थ कौशल ने सेवा के 12 साल बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली है। उन्होंने अपने फैसले को पूरी तरह व्यक्तिगत बताया है और कहा कि यह निर्णय उन्होंने गंभीर आत्ममंथन और परिवार को ध्यान में रखते हुए लिया है।
अफवाहों का किया खंडन
हाल के दिनों में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनके इस्तीफे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन सिद्धार्थ कौशल ने इन दावों को “भ्रामक और निराधार” करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा किसी भी तरह के उत्पीड़न या दबाव का नतीजा नहीं है।
कौशल ने भारतीय पुलिस सेवा में अपने कार्यकाल को जीवन की सबसे अद्भुत यात्रा बताया और आंध्र प्रदेश को हमेशा अपना घर कहा। उनकी सेवा सेवानिवृत्ति के समय आईपीएस अफसरों के बीच ट्रांसफर, पोस्टिंग में देरी और निलंबन जैसी समस्याओं की बढ़ती चिंताओं पर भी चर्चा हो रही है।
कौन हैं सिद्धार्थ कौशल?
- 2012 बैच के आंध्र प्रदेश कैडर के आईपीएस
- जिलों जैसे प्राकासम, कृष्णा, कुरनूल और कडपा में एसपी रह चुके हैं
- 2020 में स्कोच डिस्ट्रिक्ट गवर्नेंस अवार्ड और 2019 में जी फाइल्स गवर्नेंस अवार्ड मिला
- हिमाचल प्रदेश के निवासी और IIM इंदौर (2007–09) के पूर्व छात्र हैं
- 2 जुलाई 2025 को उन्होंने आधिकारिक रूप से आईपीएस पद से इस्तीफा दिया