उत्तर प्रदेश पुलिस के दबंग अफसरों में शुमार 2009 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार साहनी ने बरेली रेंज के डीआईजी का चार्ज संभाल लिया है। अपराधियों में खौफ का दूसरा नाम माने जाने वाले साहनी ने चार्ज लेने के बाद अपनी प्राथमिकताओं में साइबर क्राइम पर सख्ती, बीट पुलिसिंग, सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था को शीर्ष पर रखा।
कहा जाता है एनकाउंटर स्पेशलिस्ट
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर अजय साहनी अब तक 46 अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिरा चुके हैं और 650 से ज्यादा एनकाउंटर ऑपरेशनों का हिस्सा रहे हैं। एक राष्ट्रीय पत्रिका ने उन्हें देश के टॉप 50 आईपीएस अफसरों की सूची में स्थान दिया है।
कानपुर में बतौर एएसपी उन्होंने खूंखार अपराधियों मोनू और लिटिल चंदेल का सफाया किया। बुलंदशहर और नोएडा में माफियाओं पर शिकंजा कसते हुए उन्होंने कानून का सख्त संदेश दिया। सिद्धार्थनगर में बावरिया गैंग, आजमगढ़ में D-19 गैंग, और अलीगढ़ में साधु हत्याकांड के आरोपियों को ढेर कर चुके हैं।
बाराबंकी में शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई से लेकर मेरठ में ऊंट कुर्बानी और सड़क पर नमाज को रोकने तक, हर मोर्चे पर उनका सख्त रवैया देखने को मिला। जौनपुर में भी उन्होंने आतंकियों और अपराधियों के खिलाफ एक्शन लिया।
सहारनपुर में भी दिखाई जीरो टॉलरेंस की नीति
सहारनपुर में तैनाती के दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार पर भी जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। खनन माफिया की जमीन पत्नी के नाम कराने वाले इंस्पेक्टर पर केस दर्ज कर बर्खास्तगी की सिफारिश की।
उनकी सख्त कार्यशैली के चलते जहां भी तैनात होते हैं, वहां अपराधियों के पास सिर्फ दो ही विकल्प रहते हैं—या तो सुधर जाएं या जेल और एनकाउंटर के लिए तैयार रहें।