श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही गाजियाबाद एक बार फिर शिवभक्तों की आस्था का केंद्र बनने जा रहा है। कांवड़ यात्रा को लेकर इस बार गाजियाबाद पुलिस और प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचा है। यात्रा के दौरान हर एक कदम पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन अलर्ट मोड में आ चुका है।
पुलिस कमिश्नर ने दी जानकारी
रिजर्व पुलिस लाइंस के परमजीत हॉल में हुई अहम बैठक में पुलिस आयुक्त जे. रविन्दर गौड़, जिलाधिकारी दीपक मीणा समेत तमाम विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में तय किया गया कि शहर के कांवड़ मार्गों पर अंधेरे स्थानों को रोशन किया जाएगा, खुले ट्रांसफार्मर और लटकते तारों को ठीक किया जाएगा, सड़कों की मरम्मत व जलभराव वाले इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाएगा।
यात्रा मार्गों पर बैरिकेडिंग से लेकर एंबुलेंस की तैनाती तक की जिम्मेदारी विभागों को सौंपी गई है। सभी कार्यों को अगले चार दिनों में पूरा कर प्रशासन को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढिलाई नहीं
एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी के अनुसार, इस बार पूरे जिले में 3500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। दूधेश्वरनाथ मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों पर 550 जवान विशेष ड्यूटी पर लगाए जा रहे हैं। साथ ही 1500 सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के जरिए पूरे यात्रा रूट की निगरानी की जाएगी।
700 ट्रैफिक पुलिसकर्मी अलग-अलग कांवड़ रूट्स पर ड्यूटी करेंगे। मेरठ रोड एनएच-58 पर 11 जुलाई से भारी वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। स्थानीय दुकानों को नेम प्लेट और रेट लिस्ट लगाने का निर्देश भी जारी किया गया है।
प्रत्येक बीट की निगरानी के लिए एक सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल की टीम नियुक्त की गई है, जो स्थानीय नागरिकों के साथ समन्वय बनाकर यात्रा के दौरान उत्पन्न समस्याओं का मौके पर ही समाधान कराएंगे।
गाजियाबाद पुलिस ने पड़ोसी जिलों—मेरठ, बुलंदशहर, नोएडा और दिल्ली के अधिकारियों से भी बैठकें कर अंतरजनपदीय तालमेल मजबूत किया है ताकि भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और सुविधा प्रबंधन में कोई चूक न हो।