टाटा स्टील में 3 साल नौकरी से लेकर Delhi के मुख्यमंत्री बनने तक Kejriwal की यह है कुंडली

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार 21 मार्च की रात प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार करने से पहले ED ने केजरीवाल से 2 घंटे पूछताछ की थी। ED द्वारा गिरफ्तार होने वाले केजरीवाल दूसरे मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले 31 जनवरी को झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। हालांकि, सोरेन ने पहले राज्यपाल को इस्तीफा दिया, फिर ED ने उन्हें गिरफ्तार किया। आइए जानते हैं केजरीवाल के IIT पासआउट करने, सिविल सेवा में चुने जाने और फिर राजनीति में आने की कहानी…

हरियाणा में जन्मे, IIT-UPSC पास किया

अरविंद केजरीवाल का जन्म 16 अगस्त 1968 को हरियाणा के सिवानी जिले के खेड़ा गांव में हुआ। अरविंद ने 1985 में IIT-JEE परीक्षा पास की और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में IIT खड़गपुर से ग्रेजुएशन किया। 1989 में कॉलेज से निकलने के बाद केजरीवाल ने करीब 3 साल टाटा स्टील में नौकरी भी की। इसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए 1992 में नौकरी से रिजाइन कर दिया। 1995 में केजरीवाल ने UPSC एग्जाम पास किया। उनका सिलेक्शन इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) में हुआ। इसके बाद वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर नियुक्त हुए। साल 2000 में केजरीवाल ने हायर एजुकेशन हासिल करने के लिए 2 साल की पेड लीव का अनुरोध किया। केजरीवाल को इसी शर्त पर छुट्टी दी गई कि ऑफिस फिर से जॉइन करने पर वह कम से कम तीन साल तक नौकरी से इस्तीफा नहीं देंगे। यदि वह ऐसा करते हैं तो इस अवधि के दौरान दिए गए वेतन का भुगतान करेंगे।

3 साल तक काम न करके साल 2000 में

दो साल बाद साल 2002 में अरविंद केजरीवाल ऑफिस आए, लेकिन एक साल तक उनका अपॉइंटमेंट नहीं किया गया। हालांकि, इस दौरान उन्हें सैलरी मिलती रही। इसलिए केजरीवाल ने 18 महीने की बिना वेतन छुट्टी (लीव विदाउट पे) के लिए अप्लाय किया, जो उन्हें दे दी गई। 2006 में अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली में जॉइंट इनकम टैक्स कमिश्नर के पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, केंद्र सरकार का दावा था कि उन्होंने 3 साल तक काम न करके साल 2000 में हुए समझौते का उल्लंघन किया है। 2011 में अरविंद केजरीवाल ने अपने दोस्तों की मदद से सरकार को बकाया राशि के रूप में 9 लाख 27 हजार 787 रुपए का भुगतान किया। 2006 में अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर

साल 2011 में अरविंद केजरीवाल ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ मिलकर जन लोकपाल विधेयक को लागू करने की मांग करते हुए इंडिया अगेंस्ट करप्शन ग्रुप (IAC) का गठन किया। जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर 16 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे भूख हड़ताल पर बैठ गए। ये आंदोलन 28 अगस्त तक चला। अन्ना हजारे के साथ इस आंदोलन में उस समय अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया ने अहम भूमिका निभाई। अन्ना हजारे के बाद अरविंद केजरीवाल इस आंदोलन का प्रमुख चेहरा बनकर उभरे।

आम आदमी पार्टी को बहुमत नहीं मिला

अरविंद केजरीवाल ने 2 अक्टूबर 2012 को अपने राजनीतिक दल का गठन किया। 24 नवंबर 2012 को आम आदमी पार्टी (AAP) बनाई गई। 2013 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस की पूर्व CM शीला दीक्षित को हरा दिया। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन कांग्रेस ने सरकार में शामिल न होकर बाहर से समर्थन किया, जिसके दम पर अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठे। फिर साल 2015 में चुनाव हुआ और आम आदमी पार्टी रिकॉर्ड 67 सीटें जीतकर विधानसभा में पहुंची। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भी केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतीं। केजरीवाल ने 16 फरवरी 2020 को रामलीला मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

केजरीवाल की पत्नी IRS अफसर रहीं

केजरीवाल ने 1995 में अपनी बैचमेट सुनीता से शादी की थी। साल 2016 में सुनीता केजरीवाल ने अपनी सर्विस से VRS ले लिया था। वे भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी थीं। अरविंद केजरीवाल के दो बच्चे- बेटा पुलकित और बेटी हर्षिता हैं। केजरीवाल की बेटी भी IIT ग्रेजुएट हैं और फुटबॉल प्लेयर रही हैं। वहीं, केजरीवाल का बेटा पुलकित कॉलेज में है।

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