पत्नी का अंतिम संस्कार कर लौट रहे एडवोकेट से UP में तैनात इस थानेदार ने मांगी 2 लाख की रंगदारी

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प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस के साथ मिलकर लूट, रंगदारी और उत्पीड़न की सनसनीखेज घटना प्रकाश में आई है। सीनियर एडवोकेट जनार्दन चौबे की पत्नी का देहांत हो गया तो वो मणिकर्णिका घाट वाराणसी में अंतिम संस्कार करके वापस संत कबीर नगर अपने घर जा रहे थे। साथ में बेटे, परिवार के लोग रिश्तेदार थे। गाजीपुर में टोल प्लाजा पर उनके साथ जो वारदात हुई और उसके बाद किस तरह से उनसे ऑफलाइन और ऑनलाइन वसूली हुई वो FIR में दर्ज तथ्य खौफनाक हैं। मदद को आई पुलिस ने पीड़ितों को पीटा, पैसे छीने और ऑनलाइन लाखों रूपया ट्रांसफर कराया और टोल प्लाजा मैनेजर के साथ SHO ने मिलकर ये वारदात अंजाम दी। अभी तक गाजीपुर के एसपी ने दोषी SHO पर कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि इस मामले में उच्च पुलिस अधिकारियों ने एसपी गाजीपुर पर कोई एक्शन भी नहीं लिया। एसएचओ अब तक न सस्पेंड हुआ और न उसे गिरफ्तार किया गया। टोल प्लाजा मैनेजर को भी बचाया जा रहा है। आरोप है इस टोल प्लाजा के माध्यम से वसूली की कई वारदात हुई लेकिन मिलीभगत के चलते सीनियर पुलिस अफसरों ने घटनाओं को दबाया।

क्या है पूरा मामला

जनार्दन चौबे ने बताया कि पुलिस वालों ने गाली-गलौज की और जबरन पुलिस ने बस से उतारकर एम्बुलेन्स और पुलिस वाहन में बैठा लिए। एम्बुलेन्स में लाठी डण्डा आदि रखा था। टोल प्लाजा के एनएच ओवरब्रिज से कटकर गाड़ी को सुनसान जगह रोका गया और पुलिस वालों की उपस्थिति में टोल मैनेजर व उनके तीन साथियों हम लोगों की तलाशी ली। बड़े बेटे की जेब से 45000/- दूसरे बेटे के पास से 25,000/- तीसरे बेटे से 20,000/- एवं पवन गुप्ता से 10,000/- तथा शिव कुमार से 2000/- कुल 1,02,000/- नगद के अलावा बड़े बेटे के गले का सोने का सीकड़ छीन ली। उसके बाद सबको 12:30 बजे रात थाना बिरनो पर ले आये। वहां थाना प्रभारी हितेश सिंह मौजूद था। उसने गाली देते हुए जेल भेजने की धमकी दी। हितेश सिंह ने कहा अगर पांच लाख और नहीं देते है तो गाजीपुर से इनकी लाश जाएगी। उन्होंने बताया की इस घटना से हमलोग काफी भयभीत हो गये। उन लोगों ने किसी शैलेश कुशवाहा के फोन पे नम्बर 9598902337 दिया और कहा इसी पर तत्काल पैसा मंगवाओं हम लोगों ने बहुत चिरौरी विनती करते हुए उक्त फोन पे नम्बर पर मेरे बेटे ने गांव के रामशबद से 55000/- रुपए मेरे भांजे अंकित मिश्रा के खाते से 46000/- रुपए तथा मेरे छोटे बेटे शैलेन्द्र कुमार ने 99000/- रुपए की रकम ऑनलाइन जमा कराई। इस प्रकार कुत मु-2,00,000/- (दो लाख रूपया) अन्तरण कराया। एफआईआर में एसएओ व टोल प्लाजा मैनेजर व स्टाफ के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की गई है।

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