उत्तर प्रदेश में पिछले डेढ़ साल से पुलिस मुखिया की कुर्सी कार्यवाहक के भरोसे है। मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार का 31 जनवरी को रिटायरमेंट है। इस बार भी तस्वीर साफ नहीं है कि प्रदेश को स्थायी डीजीपी मिलेगा या कार्यवाहक से ही काम चलाया जाएगा। हालांकि, अकेले यूपी ही नहीं देश के सात और राज्य ऐसे हैं, जहां कार्यवाहक डीजीपी की सेवाएं ली जा रही हैं। इस कड़ी में ताजा नाम जुड़ा है राजस्थान का। यूपी, राजस्थान के अलावा इस समय उत्तराखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल में भी कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती नहीं कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भी तैनाती जारी
यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की पुलिस सुधार को लेकर की गई याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2006 में UPSC के जरिए डीजीपी की तैनाती को लेकर आदेश किया था। लेकिन कुछ राज्यों ने इसे माना और कई ने नहीं माना। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट इसे लेकर सख्त हुआ और कहा कि UPSC को पैनल भेजना ही पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद पहले कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती फरवरी 2022 में आंध्र प्रदेश में राजेंद्र रेड्डी के रूप में हुई। इसके बाद मई 2022 में डॉ. डीएस चौहान को यूपी में कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया और यह सिलसिला अभी तक जारी है। करीब डेढ़ साल के दौरान यूपी में तीसरे कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती है।
क्या कहते हैं पूर्व अधिकारी?
यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह कहते हैं कि सरकारों की ओर से मनपंसद अधिकारी को डीजीपी बनाने के लिए कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती कर रही हैं। UPSC के निर्देशों के मुताबिक टॉप थ्री में से किसी एक को डीजीपी बनाने का विकल्प होता है। इस प्रक्रिया से बचने के लिए सरकार UPSC को पैनल ही नहीं भेज रही है। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती के लिए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से मना किया है। देखते ही देखते कई राज्य इस चलन में शामिल हो गए हैं। निष्पक्ष डीजीपी नहीं बनाना चाहते हैं, इसलिए कार्यवाहक की तैनाती की जा रही है। कार्यवाहक को फोर्स उतनी गंभीरता से नहीं लेती और उसे लीडर नहीं मानती है।
यूपी और पंजाब के खिलाफ रिट
यूपी और पंजाब में कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर की गई थी। हालांकि यह किसी नतीजे तक नहीं पहुंची। पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने अपनी ही रिट में कुछ और संशोधन के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी है। उन्हें फिलहाल सुनवाई की तारीख का इंतजार है।