महाकुंभ में भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। हाल ही में प्रयागराज महाकुंभ को लेकर सोशल मीडिया पर एक फर्जी वीडियो वायरल किया गया, जिसमें पुलिस लाठीचार्ज की घटना को महाकुंभ से जोड़कर पेश किया गया। इस मामले में यूपी पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए 14 एक्स (ट्विटर) यूजर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देशानुसार, अफवाह फैलाने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया की निगरानी के दौरान एक वीडियो सामने आया, जिसमें दावा किया गया कि प्रयागराज महाकुंभ में अपने बिछड़े हुए परिजनों को तलाश रहे श्रद्धालुओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया। जब इस वीडियो की पड़ताल की गई, तो यह धनबाद, झारखंड की घटना निकली। जांच में पाया गया कि यह वीडियो 1 जनवरी 2025 को धनबाद में हुई पुलिस कार्रवाई का है, लेकिन इसे गलत दावे के साथ प्रयागराज महाकुंभ से जोड़कर शेयर किया गया।
झूठी खबर फैलाने वालों पर कार्रवाई
गलत जानकारी फैलाकर सरकार की छवि खराब करने और लोगों में भ्रम उत्पन्न करने की साजिश को देखते हुए 14 सोशल मीडिया अकाउंट्स को चिन्हित किया गया। डीजीपी के निर्देश पर इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इन यूजर्स पर हुई एफआईआर
- संजय कल्याण (@sanjaykalyan_)
- किरण पट्टनायक (@kiran_patniak)
- महफूज हसन (@MahfoozHasan16)
- आरएन सोनू अंसारी (@RNSONUANSARI1)
- बोलता बहुजन (@BoltaBahujan_)
- जुबर खान (@ZuberKh14482101)
- शुभम कोरी (@D9cqyCj2Rd8zP3d)
- सत्यपाल अरोरा (@JanAwaaz3)
- नवीन मिश्रा (@NaveenM96466923)
- घनश्याम कुमार (@gkbhartiya1992)
- लोकशाही में गुलाम (@india141951)
- धर्मेश सिंह (@dharmeshkumar37)
- मोहम्मद जुबैर (@zubairakhtar_)
- आनंद कामले (@AKamble72444)