उत्तर प्रदेश के एटा जिले की जलेसर पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो खुद को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) का अधिकारी बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था। पुलिस ने रविवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह व्यक्ति वर्दी पहनकर एक विवाद सुलझाने के लिए पहुंचा था, लेकिन पुलिस को उसकी हरकतों पर संदेह हुआ। जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसकी सच्चाई सामने आ गई।
कैसे पकड़ा गया फर्जी आईपीएस अधिकारी?
जलेसर थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) सुधीर कुमार राघव ने बताया कि शनिवार को एक व्यक्ति खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर एक विवाद सुलझाने के लिए पहुंचा था। लेकिन उसकी वर्दी को देखकर पुलिस को संदेह हुआ, क्योंकि उसकी वर्दी आईपीएस अधिकारियों के मानकों के अनुसार नहीं थी और उसमें कई विसंगतियां थीं। फर्जी एसपी ने कैप इंस्पेक्टर की लगा रखी थी। इस पर पुलिस ने तत्काल उस व्यक्ति से पूछताछ की। पहले तो उसने खुद को आईपीएस अधिकारी बताते हुए मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने कड़ाई से सवाल किए, तो वह घबरा गया और आखिरकार सच कबूल कर लिया।
पुलिस जांच में पकड़े गए व्यक्ति की पहचान ललितपुर जिले के कोतवाली नाका क्षेत्र निवासी हेमंत प्रताप सिंह बुंदेला के रूप में हुई। जब उसके बारे में पूरी जांच की गई, तो पता चला कि वह वास्तव में किसी भी पुलिस सेवा से जुड़ा नहीं था। जलेसर पुलिस ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया।
इस मामले में उप निरीक्षक चन्द्रशेखर त्रिपाठी ने आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें सरकारी पद का झूठा दावा करना, धोखाधड़ी करना और जनता को गुमराह करने जैसे आरोप शामिल हैं।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
दरअसल, एटा में सलमान नामक व्यक्ति का अपनी पत्नी के साथ विवाद चल रहा था। इस विवाद के समाधान के लिए उसकी पत्नी और साली एक आईपीएस अधिकारी को लेकर आईं, जिसने सलमान को धमकाने की कोशिश की। लेकिन जब सलमान ने पुलिस को सूचना दी, तो असली पुलिस मौके पर पहुंच गई।
जब पुलिस ने तथाकथित आईपीएस अधिकारी से पूछताछ शुरू की, तो उसकी पहचान धीरे-धीरे संदिग्ध लगने लगी। उसकी वर्दी और उसके व्यवहार को देखकर पुलिस को शक हुआ और जब उससे गहराई से पूछताछ की गई, तो पता चला कि वह असली आईपीएस नहीं बल्कि हेमंत बुंदेला है। इसके बाद पुलिस ने तुरंत उसे हिरासत में ले लिया और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी।