22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी, केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश से पाक नागरिकों के निर्वासन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई।
डीजीपी ने कहा ये
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने सोमवार को कहा कि यूपी से अधिकतर पाक नागरिकों का निर्वासन पूरा हो चुका है। यूपी पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि सार्क वीजा धारकों को 26 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया गया था, जबकि मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए 29 अप्रैल अंतिम तिथि निर्धारित की गई है।
अधिकारियों के अनुसार, कई पाकिस्तानी नागरिक स्वेच्छा से लौट गए, जबकि बाकी को तय प्रक्रिया के तहत निकाला गया। हालांकि लंबी अवधि के वीजा पर रह रहे पाक नागरिक, खासकर शादीशुदा महिलाएं, स्थानीय निगरानी में हैं। उनके निर्वासन को लेकर केंद्र से विशेष दिशानिर्देश मांगे गए हैं।
बुलंदशहर पुलिस ने पुष्टि की कि करीब 18 पाकिस्तानी नागरिक वहां अभी भी लंबे वीजा पर रह रहे हैं। सभी पर स्थानीय एजेंसियों की कड़ी नजर रखी जा रही है।
इन जिलों में रह रहे इतने पाकिस्तानी
एक अनुमान के अनुसार, यूपी में पहले करीब 1,800 पाकिस्तानी नागरिक विभिन्न जिलों — बरेली, रामपुर, अलीगढ़, मेरठ, लखनऊ और वाराणसी में रह रहे थे। पहलगाम जैसी घटनाओं को देखते हुए सरकार किसी भी तरह की सुरक्षा चूक को लेकर सख्त है और पाक नागरिकों का दस्तावेजीकरण व पहचान की प्रक्रिया तेजी से पूरी की गई है।