उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए भर्ती हुए 60 हजार से अधिक नए सिपाही अब पारंपरिक छवि से हटकर एक आधुनिक, प्रोफेशनल लुक में नजर आएंगे। इन रिक्रूटों की ट्रेनिंग इसी महीने शुरू होने जा रही है, जिसमें केवल फिजिकल और कानून-व्यवस्था नहीं बल्कि कॉर्पोरेट स्टाइल की दक्षताओं पर भी फोकस किया जाएगा। ये नया कदम यूपी पुलिस की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव लाने वाला माना जा रहा है।
ताकि रहें प्रोफेशनल
इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत नए जवानों को अंग्रेजी बोलना सिखाया जाएगा, ताकि वे जरूरत के अनुसार प्रभावी संवाद स्थापित कर सकें। इसके अलावा, अच्छा व्यवहार, तनाव प्रबंधन, समय का सदुपयोग और फिटनेस से जुड़ी क्लासेस भी आयोजित होंगी। ट्रेनिंग का उद्देश्य सिपाहियों को मानसिक और शारीरिक रूप से संतुलित बनाना है, जिससे वे हर परिस्थिति में सहज और प्रोफेशनल बने रहें।
महाकुंभ जैसे आयोजनों में ड्यूटी कर चुके पुलिस कर्मियों के अनुभवों को देखते हुए, इस बार भी मोटिवेशनल स्पीकर और विशेषज्ञों को प्रशिक्षण में जोड़ा जाएगा।
डीजीपी ने दी जानकारी
डीजीपी प्रशांत कुमार के अनुसार, इस बार सभी सिपाहियों की ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश के भीतर ही की जाएगी। पुलिस लाइन और आरटीसी जैसे केंद्रों पर इसके लिए पूरी व्यवस्था की जा चुकी है।
ट्रेनिंग में रिटायर्ड अफसरों का अनुभव भी साझा किया जाएगा, साथ ही साइबर अपराध और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों की जानकारी भी दी जाएगी। महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों से व्यवहार को लेकर विशेष शिक्षण भी शामिल होगा। आईआईएम जैसे संस्थानों से विशेषज्ञों को जोड़ने की भी योजना है।