उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया, जहां भवनाथ यादव नामक व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पुलिस विभाग में 31 वर्षों तक नौकरी की। यह मामला तब उजागर हुआ जब गोरखपुर के निवासी देवव्रत यादव ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्रावस्ती घनश्याम चौरसिया को शिकायत पत्र सौंपा।
जांच के बाद खुली पोल
जानकारी के मुताबिक, देवव्रत यादव की शिकायत के आधार पर जब पुलिस ने जांच की, तो भवनाथ यादव के शैक्षिक प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए। वह 1994 में पुलिस विभाग में बतौर आरक्षी भर्ती हुआ था।
भवनाथ ने पुलिस भर्ती में जो शैक्षिक अभिलेख लगाए थे, उसमें हाईस्कूल का अनुक्रमांक 0709559, प्रमाण पत्र संख्या 0323676, वर्ष 1989 और इंटरमीडिएट अनुक्रमांक 395726, प्रमाण पत्र संख्या 001203435, वर्ष 1992 उत्तीर्ण होना दर्शाया गया था।
जांच में पता चला कि उसने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के जो प्रमाण पत्र जमा किए थे, वे माध्यमिक शिक्षा परिषद, वाराणसी के रिकॉर्ड में ही नहीं थे। इसके अलावा, जिस स्कूल से उसने 12वीं उत्तीर्ण करने का दावा किया, वहां भी उसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
की जाएगी वसूली
जांच में दोषी पाए जाने पर सोनवा थाना प्रभारी गणनाथ प्रसाद ने उसके खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि मामले में एएसपी प्रवीण कुमार यादव से प्रकरण की जांच कराई गई। जांच में शिकायत सही पाई गई, उसे बर्खास्त करके जेल भेजा गया है। अब तक मिली सैलरी और अन्य लाभों की वसूली की जाएगी।