हाल ही में लखनऊ जोन के एडीजी के फर्जी साइन के साथ तीन सिपाहियों का आदेश जारी हुआ था। जैसे ही ये आदेश जारी हुआ तो महकमे में हड़कंप मच गया। चूंकि इस आदेश में किसी पुलिसकर्मी ने ही एडीजी के फर्जी साइन किए थे, तो तत्काल प्रभाव से जांच शुरू की गई। इसके बाद जांच की रिपोर्ट आई और आरोपी पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, 12 फरवरी के दिन एडीजी जोन लखनऊ पीयूष मोर्डिया के साइन का एक आदेश जारी किया गया था। ये तीनों सिपाही उन्नाव, रायबरेली और अयोध्या में तैनात थे। जब बाकि पुलिसकर्मियों को इस पर शक हुआ तो उन्होंने अफसरों से मामले की शिकायत की। शिकायत के बाद जांच में तबादले के आदेश पत्र पर एडीजी के साइन फर्जी माने गए हैं। जिसके बाद अफसरों ने विभागीय जांच के आदेश जारी किए। अब इस जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है।
इस पुलिसकर्मी की भूमिका का हुआ खुलासा
जांच में ये बात सामने आई है कि, एडीजी दफ्तर में ही तैनात बाबू विनोद कुमार सिंह इस फर्जी साइन के मामले में लिप्त थे। ऐसे में इन की भूमिका सामने आने पर उसको सस्पेंड कर दिया। वहीं विभागीय जांच शुरु करा दी। दूसरी तरफ जोन दफ्तर में तैनात इंस्पेक्टर विजय कुमार तिवारी की तहरीर पर गौतमपल्ली पुलिस ने विनोद कुमार सिंह पर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने व जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा लेखा का मिथ्याकरण किए जाने की धारा में केस दर्ज कराया गया। खबरों की मानें तो जल्द ही बाबू को बर्खास्त भी किया जा सकता है।