उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रदेश की मौजूदा कानून-व्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए राज्य में जातीय टकराव, सांप्रदायिक तनाव और आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी को बेहद गंभीर मुद्दा बताया है। उनके अनुसार, वर्तमान परिदृश्य यह दर्शाता है कि प्रदेश में कानून का शासन केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गया है।
मायावती ने प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति के बाद आने वाली बड़ी जिम्मेदारियों की ओर इशारा करते हुए लिखा है कि राज्य में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाना एक बड़ा और चुनौतीपूर्ण कार्य होगा। साथ ही उन्होंने सरकार और सत्ताधारी दल के नेताओं को भी इस कार्य में सक्रिय भूमिका निभाने की नसीहत दी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती का पोस्ट
“देश के विभिन्न राज्यों में से ख़ासकर यूपी में सामंती और आपराधिक तत्वों का वर्चस्व होने से जातिवादी एवं साम्प्रदायिक द्वेष, हिंसा, अन्याय-अत्याचार तथा लोगों को उजाड़ने आदि की कार्रवाइयों से यह साबित है कि यहाँ कानून का राज सही से नहीं चल रहा है।
ऐसे माहौल में यूपी पुलिस के नए प्रमुख के सामने राज्य में अपराध नियंत्रण और कानून का राज स्थापित करके सर्वसमाज के लोगों को उचित राहत पहुँचाने का बड़ा चैलेन्ज। राज्य सरकार व सत्ताधारी दल के लोगों को भी यूपी में कानून का राज स्थापित करने में हर प्रकार का सहयोग व सक्रियता जरूरी।
वैसे भी भारत के बहुआयामी विकास व यहाँ की विशाल आबादी की समग्र उन्नति में यूपी को देश की प्रगति की रीढ़ होना चाहिए, किन्तु इसके ग्रोथ इंजन बनकर उभरने के बजाय ज्यादातर अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था की बदहाली को लेकर निगेटिव चर्चाओं में रहना क्या यह जन व देशहित में उचित?”