गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव में हुई पुलिस सिपाही सौरभ की हत्या के मामले में कार्रवाई लगातार जारी है। वारदात को आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन गाजियाबाद पुलिस की टीमें अब भी चौतरफा दबिश दे रही हैं ताकि मुख्य शूटर को जल्द गिरफ्तार किया जा सके। अब तक इस मामले में 15 लोगों को जेल भेजा जा चुका है और चार फरार आरोपितों की तलाश जारी है, जिनमें से किसी एक ने ही सिपाही सौरभ को गोली मारी थी।
पुलिस की ओर से चारों संदिग्धों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है, हालांकि अभी तक इनके नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि पहचान छिपाने का कोई उद्देश्य नहीं है, बल्कि जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित करना प्राथमिकता है। डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्रनाथ तिवारी के मुताबिक, सोमवार या मंगलवार तक आरोपितों के नाम सार्वजनिक कर दिए जाएंगे।
कब हुई थी हत्या ?
पुलिस सिपाही सौरभ की हत्या उस समय हुई जब नोएडा पुलिस की टीम 25 मई की रात चोरी के आरोप में वांछित कादिर को गिरफ्तार करने नाहल गांव पहुंची थी। कादिर को पकड़ने के बाद स्थानीय भीड़ उग्र हो गई और पुलिस टीम पर पथराव व फायरिंग शुरू हो गई।
इसी दौरान सिपाही सौरभ को सिर के पीछे गोली लग गई और वह गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी।
अब तक पुलिस ने इस मामले में कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से चार को मुठभेड़ के दौरान दबोचा गया। इसके अलावा, 31 लोगों पर शांति भंग की धाराओं में कार्रवाई की गई है। वहीं, मुख्य आरोपित कादिर के भाई आदिल को हाल ही में मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया है।
चप्पा चप्पा छान रही पुलिस
पुलिस की आठ टीमें गाजियाबाद के अलावा मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, शामली और दिल्ली में लगातार छापेमारी कर रही हैं। कई मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर लिया गया है, लेकिन अब तक कोई बड़ा सुराग नहीं मिल पाया है। पुलिस का मानना है कि जांच अंतिम चरण में है और जल्द ही फरार आरोपितों को पकड़ लिया जाएगा।