गाजियाबाद कमिश्नरेट में पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। आने वाले सप्ताह से पुलिसकर्मियों की हाजिरी अब बायोमैट्रिक सिस्टम के जरिए दर्ज की जाएगी। शुरुआत में इसे पुलिस कार्यालय और पुलिस लाइन में लागू किया जाएगा। इस डिजिटल ट्रांजिशन के तहत तीन नई व्यवस्थाएं तैयार की गई हैं, जो पुलिस प्रशासन की दक्षता को बढ़ाने में मदद करेंगी। ये तीन व्यवस्थाएं हैं, एंप्लाई मैनेजमेंट सिस्टम, कोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम, और इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम।
हाजिरी की नई व्यवस्था
कमिश्नरेट बनने के बाद जनपद में पुलिस बल की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्तमान में करीब 7,000 पुलिसकर्मी यहां तैनात हैं। सभी कर्मियों की उपस्थिति अब बायोमैट्रिक माध्यम से दर्ज की जाएगी, जिसे एंप्लाई मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया है। इस सिस्टम के ज़रिए हर कर्मचारी की तैनाती का रिकॉर्ड, छुट्टियां, पुरस्कार, और निलंबन जैसी जानकारियां भी डिजिटली संग्रहीत रहेंगी।
कमिश्नरेट लागू होने के बाद पुलिस अधिकारियों को न्यायिक अधिकार भी मिले हैं, जिसके तहत वे शांति भंग, गुंडा एक्ट, और जिला बदर जैसे मामलों की सुनवाई एसीपी कोर्ट में करते हैं। फिलहाल संबंधित व्यक्तियों को तारीखें जानने के लिए कार्यालय जाना पड़ता है, लेकिन अब कोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम के ज़रिए तारीखें और आदेश ऑनलाइन देखे जा सकेंगे। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और पक्षकारों को आसानी होगी।
एक क्लिक में मिलगी जानकारी
पुलिस बल के पास मौजूद संसाधनों की जानकारी अब मैनुअल तरीके से नहीं जुटानी पड़ेगी। इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम लागू होने के बाद एक क्लिक में यह पता चल सकेगा कि कहां, कितने संसाधन उपलब्ध हैं। इससे रिपोर्ट तैयार करने और निर्णय लेने में समय की बचत होगी।
डीसीपी मुख्यालय धवल जायसवाल के अनुसार, इन तीनों प्रणालियों को अगले सप्ताह से पूर्णतः लागू किया जाएगा। इनका उद्देश्य पुलिस व्यवस्था को अधिक संगठित, जवाबदेह और पारदर्शी बनाना है।