हाल ही में यूपी पुलिस में शामिल हुए नवचयनित सिपाहियों की ट्रेनिंग की शुरुआत जिले में ज़ोर-शोर से हो चुकी है। लखनऊ में आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के बाद बलिया में भी महिला और पुरुष सिपाहियों को प्रशिक्षण स्थल आवंटित कर दिया गया है। इसी क्रम में आज़मगढ़ परिक्षेत्र के डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने बलिया पुलिस लाइन पहुंचकर ट्रेनिंग का निरीक्षण किया और नवनियुक्त सिपाहियों से संवाद किया।
वर्दी केवल पहचान नहीं, एक जिम्मेदारी है
पुलिस लाइन में पहुंचे डीआईजी ने सभी सिपाहियों को संबोधित करते हुए कहा कि खाकी वर्दी केवल नौकरी नहीं, जनता की उम्मीदों का प्रतीक है। इसे पहनने वाले हर व्यक्ति के कंधों पर न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, बल्कि सामाजिक विश्वास को बनाए रखने की भी। उन्होंने सिपाहियों को कर्तव्यपरायणता, अनुशासन और जनसेवा के मूल्यों को अपनाने का संदेश दिया।
डीआईजी ने सिपाहियों को यूपी पुलिस के डीजीपी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की याद दिलाते हुए सोशल मीडिया के मर्यादित प्रयोग की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा, “वर्दी में रहते हुए आपकी हर ऑनलाइन गतिविधि आपकी निजी नहीं, विभाग की छवि से जुड़ी होती है। सोच-समझकर और संयमित ढंग से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें।”
अपने संबोधन में डीआईजी सुनील कुमार सिंह ने महिला सिपाहियों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि समाज में महिलाओं की भूमिका अब केवल सहायक की नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता की होनी चाहिए। बलिया जैसे सीमावर्ती जनपद में महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
युवा सिपाहियों में दिखा आत्मविश्वास
प्रशिक्षण स्थल पर डीआईजी के दौरे से नवनियुक्त सिपाहियों में जोश और आत्मविश्वास का संचार हुआ है। प्रशिक्षु सिपाहियों ने भी इस अवसर को प्रेरणास्रोत मानते हुए बेहतर सेवा देने की शपथ ली।