उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर राज्य की पुलिस व्यवस्था में जातिगत भेद का आरोप लगाया है। इस बार उन्होंने कौशांबी जिले को निशाने पर लिया है। अखिलेश यादव का दावा है कि जिले में तैनात 15 एसएचओ और एसओ में से 7 क्षत्रिय समुदाय से हैं, 3 अन्य सामान्य वर्ग से और केवल 5 पदाधिकारी पिछड़े या दलित वर्ग से हैं।
पुलिस ने किया खंडन
कौशांबी पुलिस ने समाजवादी पार्टी प्रमुख के इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पुलिस के अनुसार, जिले में कुल 16 थाने हैं और सभी में तैनातियां शासनादेश के अनुरूप की गई हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 8 थाना प्रभारी सामान्य वर्ग से, 4 पिछड़े वर्ग से और 4 अनुसूचित जाति से हैं। पुलिस का कहना है कि ‘जाति विशेष के 7 थाना प्रभारियों की नियुक्ति’ का दावा तथ्यहीन है।
गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं जब अखिलेश यादव ने पुलिस महकमे में जातिगत असंतुलन का मुद्दा उठाया हो। इससे पहले वे आगरा, मैनपुरी और चित्रकूट जैसे जिलों में भी क्षत्रिय वर्ग के थाना प्रभारियों की अधिकता को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
डीजीपी का भी बयान
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने भी अखिलेश यादव के आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि सभी तैनातियां नियमों के तहत और योग्यताओं के आधार पर की जाती हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल आंकड़े गलत और भ्रामक हैं।