उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पुलिस महकमे में तबादलों का सिलसिला तेज़ी से जारी है। इसी क्रम में ग्रीष्मकालीन स्थानांतरण नीति के तहत आज़मगढ़ रेंज में बड़े पैमाने पर गैर-जनपद तबादले किए गए हैं। डीआईजी आज़मगढ़ रेंज सुनील कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश के तहत तीन जिलों—आज़मगढ़, बलिया और मऊ—के कुल 293 हेड कांस्टेबलों को एक जनपद से दूसरे जनपद में भेजा गया है।
इनका हुआ तबादला
इस आदेश के मुताबिक, जिन पुलिसकर्मियों ने 30 अप्रैल 2024 तक अपने वर्तमान जिले में 10 वर्षों की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें रोटेशन के आधार पर स्थानांतरित किया गया है।
जारी आंकड़ों के अनुसार, आज़मगढ़ से 114, मऊ से 65 और बलिया से 114 पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया है। यह तबादले गैर-जनपद स्तर पर किए गए हैं, यानी अब ये कर्मचारी किसी अन्य जिले में कार्यभार संभालेंगे।
पुलिस विभाग के इस निर्णय का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर निष्पक्षता बनाए रखना, भ्रष्टाचार की संभावना को कम करना और कार्यकुशलता बढ़ाना है। लम्बे समय से एक ही स्थान पर तैनात पुलिसकर्मियों का दूसरे स्थान पर स्थानांतरण शासन की पारदर्शी और अनुशासित कार्यशैली का संकेत है।
डीआईजी के निर्देश में तीनों जिलों के पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट रूप से यह भी कहा गया है कि वे अपने जिले से स्थानांतरित हुए कर्मचारियों को तत्काल कार्यमुक्त कर संबंधित जनपद के लिए रवाना करें और इसकी सूचना भी उच्चाधिकारियों को भेजें।
सकारात्मक माना जा रहा तबादला
इस व्यापक फेरबदल से विभाग में हलचल तो मची है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इसे एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जिससे न केवल पुलिस व्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार होगा बल्कि अपराध नियंत्रण में भी और मजबूती मिलेगी।