उत्तर प्रदेश में बीते आठ वर्षों में योगी सरकार की सख्त कानून व्यवस्था के चलते अपराधियों की कमर टूट गई है। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान 1,00,000 से अधिक अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई की गई, जबकि 227 अपराधी पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए। मिशन शक्ति फेज-5 के तहत ‘दस का दम’ अभियान में यूपी पुलिस ने बड़े ऑपरेशन चलाए, जिनमें महिलाओं, बच्चों और समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा को केंद्र में रखा गया।
इन अभियानों के अंतर्गत हुई कार्रवाई
ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेश भर के संवेदनशील क्षेत्रों में 11,07,782 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए, जिन्हें थानों से जोड़कर निगरानी को मजबूत किया गया। इस तकनीकी निगरानी से 5,718 जघन्य अपराधों का सफलतापूर्वक खुलासा हुआ।
ऑपरेशन मजनू के तहत स्कूल-कॉलेजों और सार्वजनिक स्थानों पर छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ 58,624 लोगों पर कार्रवाई की गई, जबकि 7,554 स्थानों को चिन्हित किया गया था।
ऑपरेशन गरुड़ के जरिए महिलाओं से जुड़े साइबर अपराधों में 2,597 शिकायतों की जांच हुई, जिनमें 2,407 मामलों का निस्तारण और 498 गिरफ्तारी की गई।
ऑपरेशन ईगल के अंतर्गत 7,963 अपराधियों की निगरानी की गई, जिनमें से 2,683 गिरफ्तार हुए और 4,294 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई।
ऑपरेशन रक्षा में स्पा सेंटरों और मसाज पार्लरों से 56 महिलाओं को मुक्त कर 49 का पुनर्वास कराया गया।
ऑपरेशन बचपन और खोज में 2,860 बच्चों को बाल श्रम और भिक्षावृत्ति से बचाया गया और 3,327 गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया गया।
ऑपरेशन शील्ड में 29,773 एसिड दुकानों की जांच कर 725 के खिलाफ कार्रवाई हुई।
ऑपरेशन डेस्ट्राय में 748 अश्लीलता से जुड़े मामले नजर में रखे गए।
ऑपरेशन नशा मुक्ति में 33,391 लोगों पर कार्रवाई की गई।