जेल की दीवारें न रहीं बाधा, बरेली की जेलों में 17 बंदियों ने लिखी सफलता की नई कहानी

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शिक्षा की लगन अगर दिल में हो तो कठिन से कठिन परिस्थितियाँ भी रास्ता नहीं रोक सकतीं। बरेली की सेंट्रल जेल और जिला जेल से आई तस्वीर ने यही साबित किया है। यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं के नतीजों में इन जेलों के कुल 17 बंदियों ने सफलता प्राप्त कर समाज के सामने एक नई मिसाल पेश की है।

इन कैदियों ने पास की परीक्षा

सेंट्रल जेल टू से छह बंदियों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी और सभी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ परीक्षा पास की। हाईस्कूल में नदीम ने 75.33% अंक लेकर टॉप किया, जबकि रवि और जागनलाल क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इंटरमीडिएट में महेश ने 62.06% अंक प्राप्त किए, वहीं शौकत खान और अशोक ने भी सफलता पाई।

केंद्रीय कारागार से भी उत्साहजनक परिणाम सामने आए। यहां हाईस्कूल के छह बंदी परीक्षा में बैठे और सभी ने सफलता हासिल की। सबसे अधिक 77% अंक पाकर विनय ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया। इंटरमीडिएट में शामिल नौ बंदियों में से छह ने परीक्षा पास की, जिसमें सुनील ने सर्वाधिक 56% अंक अर्जित किए।

इस बंदी की कहानी है प्रेरणादायक

बंदी रवि की कहानी प्रेरणा देने वाली है। जेल में आने से पहले वह पूरी तरह अनपढ़ था, लेकिन जेल में रहकर उसने पढ़ाई शुरू की और आज उच्च अंक प्राप्त कर मिसाल बन गया। रवि का कहना है कि अगर बचपन में पढ़ाई का महत्व समझा होता तो जिंदगी शायद अलग राह पर होती।

इस उपलब्धि में जेल प्रशासन का भी बड़ा योगदान रहा। सेंट्रल जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने सफल बंदियों को मिठाई खिलाकर बधाई दी और कहा कि यह नतीजे साबित करते हैं कि शिक्षा जीवन को नई दिशा दे सकती है।

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