उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग से आज रिटायर हुए 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी भागीरथ पी. जोगदंड के बारे में बीएस यही कहा जा सकता है की मुकाम या सफलता, किसी सुख सुविधाओं की मोहताज नहीं होती. वह होती है, तो कठिन परिश्रम और लगन की. और कहते हैं कि अगर इच्छाशक्ति दृढ़ है तो मंजिल जरूर मिलती है. ऐसी ही कुछ कहानी है आईपीएस भागीरथ पी. जोगदंड की. कांस्टेबल का बेटा होने के नाते सीमित संसाधनों में आईआईटी से इंजीनियरिंग किया और उसके बाद एक नेशनल कंपनी में अच्छी सैलेरी पर नौकरी पा ली. उसके बाद भी सरकारी नौकरी की तैयारी करते हुए आईपीएस की परीक्षा क्रैक करना आसान नहीं था.
18000 रुपए सैलरी वाली नौकरी मिल गई
मूल रूप से महाराष्ट्र के लातूर के रहने वाले सीनियर आईपीएस अफसर बीपी जोगदंड फिलहाल #ADG 1090 के पद पर तैनात थे. वह 1991 बैच के आईपीएस अफसर हैं (IPS Officer). 28 अक्टूबर 1963 को जन्मे बीपी जोगदंड ने पढ़ाई के दौरान कभी सोचा भी नहीं था कि उनका सेलेक्शन पुलिस सेवा में होगा और उन्हें नौकरी करने उत्तर प्रदेश आना पड़ेगा लेकिन यूपी आने के बाद उनका मन ऐसा रमा कि वह यहीं के होकर रह गए. आईपीएस बीपी जोगदंड ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग के साथ ही पीजीडीएम ऑपरेशन और एमबीए की डिग्री भी हासिल की है. जोगदंड बताते हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद उन्हें 18000 रुपए सैलरी वाली नौकरी मिल गई थी. इसके बाद भी वह सरकारी नौकरी की तैयारी करते रहे और अलग-अलग विभागों की परीक्षाएं देते रहते थे. ऐसे ही वह यूपीएससी की भी तैयारी करते रहे और आखिरकार एक दिन उनका सेलेक्शन आईपीएस के लिए हो भी गया. साल 2023 में उनका रिटायरमेंट होना है. कानपुर पुलिस कमिश्नरेट में पोस्टिंग मिलने से पहले वह अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय उ.प्र. लखनऊ में तैनात थे।
पुलिसिंग के लिए तेज-तर्रार
सीनियर IPS बीपी जोगदंड को काफी मिलनसार और सौम्य स्वभाव का बताया जाता है. उनकी गिनती सबसे बेहतरीन पुलिस अफसरों में की जाती है. वह पुलिसिंग के लिए तेज-तर्रार माने जाते हैं. वह मुश्किल मामलों को भी सहजता से निपटा देते हैं. शायद इसीलिए वह जनता के बीच बहुत जल्दी लोकप्रिय अधिकारी रहे हैं.