‘ पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की भी की गई कोशिश, मुश्किल से बचाई जान’, हल्द्वानी हिंसा में घायल महिला पुलिसकर्मी ने बताया आंखों देखा मंजर

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गुरुवार की शाम देवभूमि उत्तराखंड का हल्द्वानी शहर अचानक धधकने लगा। दरअसल, हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में हिंसा की चिंगारी उस वक़्त भड़क उठी, जब नगर निगम का अतिक्रमण हटाओ अभियान का बुलडोजर एक अवैध मदरसे और मस्जिद पर चला। इसके बाद हालात इक कदर बिगड़ने लगे कि दूसरे शहर से फोर्स बुलाकर हालात को काबू किया गया। इस दौरान 100 से भी ज्यादा पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए। इन्हीं घायल पुलिसकर्मियों में शआमिल एक महिला पुलिसकर्मी ने हिंसा का आंखो देखा हाल बताया है, जो कि काफी भयावह है।

जिंदा जलाने की कोशिश

हिंसा में घायल एक महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि, पथराव होने पर एक घर में हम लोग घुस गए। 15-20 लोग हम अंदर घुसे हुए थें। उसके बाद बाहर से लोगों ने आग लगाने की कोशिश की और पथराव किया। हम बड़ी मुश्किल से छिपकर जान बचाकर आए हैं। इसके बाद मौके पर फोर्स आई। हर गली, छतों से पथराव हो रहा था। हम लोगों ने एक घर में घुसकर फोर्स को लोकेशन दी। तब फोर्स आई। जिस घर में हम थे और जिस व्यक्ति ने हमारी जान बचाई उसके घर दरवाजे तोड़ दिए गए, शीशे तोड़ दिए गए।”

दंगाइयों को गोली मारने के आदेश जारी

आपको बता दें कि, हलद्वानी में एक अवैध मदरसे के विध्वंस के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इस भड़की हिंसा में कम से कम चार लोग मारे गए और 100 पुलिसकर्मी घायल हो गए। बिगड़े हालात को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए जिले में मिश्रित आबादी वाले थाना क्षेत्रों में संवेदनशील जगहों पर गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही दो कंपनी, दो प्लाटून पीएसी को हल्द्वानी भेजा गया है। इसके साथ ही अब राज्य सरकार ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया।

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