कौन है डिप्टी एसपी दीपक कुमार जिनकी अगुवाई में UP STF ने 1 लाख के इनामी को किया ढ़ेर

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उत्तर प्रदेश में कुख्यात डाकू से लेकर शातिर नामचीन गैंगस्टर को ढ़ेर करके यूपी एसटीएफ ने काफी सुर्खियां बटौरी हैं। जब कभी किसी बड़े ऑपरेशन को सफल बनाने की बात हो या फिर अपराध और अपराधियों का नामों निशान मिटाना है ऐसे में यूपी एसटीएफ हमेशा संकट मोचन की तरह कारगर साबित हुई है। यूपी पुलिस विभाग के ही बेहतरीन पुलिसकर्मियों को यूपी एसटीएफ में तैनाती दी जाती है। एसटीएफ में शामिल होने के बाद पुलिसकर्मी भी अपने हौसले का परिचय देते हुए अपराधियों के छक्के छुड़ाते देखे गए हैं। एसटीएफ चीफ अमिताभ यश के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ की टीम ने कई अपराधियों को ढ़ेर कर विदेशों में भी खुब नाम कमाया है। इसी कड़ी में आज एसटीफ मुख्यालय के डिप्टी एसटीएफ दीपक कुमार का नाम भी उस समय सुर्खियों में छा गया जब उनकी अगुवाई के अंतर्गत सुल्तानपुर में 1 लाख के इनामी अपराधी को एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। यूपी एसटीएफ ने 1 लाख के इनामी माफिया और शार्प शूटर विनोद उपाध्याय को पुलिस टीम पर फायरिंग कर भागने के दौरान जवाबी कार्रवाई में ढ़ेर किया है।

डिप्टी एसपी दीपक सिंह

माफिया विनोद उपाध्याय का एनकाउंटर करने वाले एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह सीएम सिटी गोरखपुर के ही रहने वाले हैं। यह विनोद उपाध्याय के आपराधिक कारनामों से बहुत पहले से ही परिचित है। चूंकि इसके अपराध का केंद्र गोरखपुर व आस-पास के जिले थे। गोरखपुर में तीन दर्जन से अधिक मामले इसके ऊपर दर्ज हैं।

डिप्टी SP दीपक कुमार सिंह की अगुवाई में विनोद ढेर

मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार की देर रात सुल्तानपुर में एसटीएफ ने उसे घेर लिया और दोनों तरफ से हुई फायरिंग में विनोद ढेर हो गया और 2004 से शुरू हुए आतंक का 20 साल बाद अंत हुआ। एनकाउंटर में विनोद उपाध्याय के ढेर होने की पुष्टि लखनऊ में एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने दी है। उन्होंने बताया कि एसटीएफ डिप्टी एसपी मुख्यालय दीपक कुमार सिंह की अगुवाई में एसटीएफ की टीम ने सुल्तानपुर में काउंटर किया है। पुलिस ने उसके पास से 30 बोर की चाइनीज पिस्टल, स्टेन गन, 9 एमएम कंट्री मेड कारतूस और एक स्विफ्ट कार बरामद की है।

पिछले सात माह से थी तलाश

एसटीएफ क्राइम ब्रांच और गोरखपुर पुलिस को पिछले सात माह से विनोद उपाध्याय की तलाश थी। ऐसा माना जा रहा है कि वह प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर करने के लिए जा रहा है। इसकी पूरी जानकारी एसटीएफ को मिल गयी और इस सुल्तानपुर में ही ढ़ेर कर दिया गया । मुठभेड़ में विनोद के पास से एक चाइनीज पिस्टल 30 बोर, स्टेन गन 9 एमएम फैक्ट्री मेड, जिंदा कारतूस, खोखा कारतूस और एक स्विफ्ट कार बरामद हुई है. विनोद पर कुल 35 मुकदमे दर्ज थे जिसमें पहला मुकदमा 1999 में दर्ज हुआ था. योगी सरकार द्वारा बनी मोस्ट वांटेड माफियाओं की लिस्ट में विनोद का नाम टॉप टेन माफियाओं की सूची में था।

करीब 35 मुकदमे दर्ज थे

आपको बता दें कि बदमाश विनोद ने अपना एक संगठित गिरोह बनाकर गोरखपुर, बस्ती, संतकबीर नगर और लखनऊ में कई सनसनीखेज हत्या की वारदातों को अंजाम दिया था। कुख्यात गैंगस्टर पर गंभीर धाराओं में करीब 35 मुकदमे दर्ज थे। विनोद गोरखपुर के टॉप 10 माफिया की लिस्‍ट में शामिल था, इसलिए एसटीएफ के साथ गोरखपुर क्राइम ब्रांच भी उसके पीछे लगी हुई थी।

अयोध्‍या का रहने वाला था कुख्यात

मूलरूप से अयोध्‍या के रहने वाले इस माफिया पर गोरखपुर पुलिस ने 1 लाख रुपये का इनाम रखा था। सुल्तानपुर के देहात कोतवाली इलाके में हुई एसटीएफ मुख्यालय के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व वाली टीम के साथ मुठभेड़ में इनामी अपराधी ढेर हो गया।

श्रीप्रकाश शुक्ला के लिए गठित हुई थी यूपी एसटीएफ

उत्तर प्रदेश में एसटीएफ की टीम अब तक कई कुख्यात गैंगस्टर्स को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। इसमें श्रीप्रकाश शुक्ला, विकास दुबे, अनिल दुजाना जैसे कई का नाम शामिल है

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