आज से ठीक पांच साल पहले 1 मार्च 2019 की शाम सभी की निगाहें भारत-पाक के अटारी-वाघा बॉर्डर पर टिकी थीं। भारत ने रोजाना होने वाली बीटिंग रिट्रीट को भी रद्द कर दिया था। रात 8.45 बजे पाकिस्तान की तरफ विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की पहली झलक दिखाई थी। रात 9.21 बजे अभिनंदन ने भारत में कदम रखा। 58 घंटे पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद उनके पहले शब्द थे- अपने देश में वापस आकर अच्छा लग रहा है।
पाक प्लेन का पीछा करते हुए POK में गिरे अभिनंदन
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था जिसमे देश के 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके करीब दो हफ्ते बाद 26 फरवरी की रात को भारतीय वायुसेना के 12 मिराज विमानों ने LoC से 80 किमी अंदर पाकिस्तान में घुसकर जैश के आतंकी अड्डे को तबाह कर दिया। इसके जवाब में अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 9 बजकर 52 मिनट पर भारतीय वायु सेना के उत्तरी मुख्यालय ने ट्रैक किया कि पाकिस्तान से 10 F16 फाइटर जेट्स ने उड़ान भरी है। 8 मिनट बाद 10 बजे पाकिस्तान के ये विमान भारतीय सीमा में घुस चुके थे। भारत की ओर से तुरंत जमीन से जवाबी हमला शुरू हुआ तो 9 विमान पाकिस्तान लौट गए। 10 बजकर 02 मिनट पर एक F16 ने भारतीय सेना के ऑयल स्टोरेज को उड़ाने का प्रयास किया। इसका बचाव करने के लिए भारत की ओर से सुखोई और मिग-21 बाइसन मैदान में उतरे। ‘विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ए-रियल हीरो’, किताब लिखने वाले प्रह्लाद नारायण माथुर बताते हैं मिग-21 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान थे। F-16 और मिग-21 में डॉग फाइट हो रही थी। विमानों के बीच की फाइट को डॉग फाइट कहा जाता है। 10 बजकर 8 मिनट पर अभिनंदन ने F-16 का पीछा करते हुए F-16 को मार गिराया। हालांकि, बाद में मिग-21 भी क्रैश हो गया। अभिनंदन ने खुद को इजेक्ट किया और पैराशूट से नीचे आ गए।
दस्तावेजों को पानी में भिगाकर खराब कर दिया
घायल अभिनंदन जमीन पर पड़े थे। इतने में उन्होंने शोर सुना। देखा तो कुछ गांव वाले आ रहे थे। उन्होंने पूछा ये भारत है या पाकिस्तान। गांव वालों ने कहा भारत है। अभिनंदन ने सच्चाई जानने के लिए कहा भारत माता की जय…जय हिंद, लेकिन गांव वालों ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर अभिनंदन ने पूछा ये भारत का कौन सा इलाका है। एक ग्रामीण ने कहा होरान गांव (POK) है। ये गांव भारतीय सीमा से सात किलोमीटर दूर था। अभिनंदन ने कहा मेरी पीठ में चोट लगी है। क्या मुझे थोड़ा पानी मिलेगा। ये सुनने के बाद कुछ गांववाले पाकिस्तानी आर्मी जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। अभिनंदन ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर तान रखी थी और गांववाले अभिनंदन पर पत्थर बरसाने लगे। अभिनंदन समझ गए कि वो पाक में हैं। उनके पास कुछ गोपनीय दस्तावेज और नक्शे थे। अभिनंदन ने हवा में फायर किया और बचने के लिए भागने लगे। गांववाले भी पीछा करने लगे। आधा किलोमीटर भागने के बाद अभिनंदन एक तालाब किनारे पहुंचे और दस्तावेजों को पानी में भिगाकर खराब कर दिया। कुछ दस्तावेज वे खुद खा गए, ताकि वे दुश्मन के हाथ नहीं लगें। गांववालों ने अभिनंदन को पकड़ लिया और मारपीट करने लगे। इस दौरान किसी ने पाक आर्मी को खबर कर दी थी। पाक आर्मी के दो जवान या अफसर पहुंचे और वहीं पर उनसे पूछताछ करने लगे। जवानों ने पूछा आप कौन हैं? अभिनंदन ने कहा मैं विंग कमांडर अभिनंदन आईडी नंबर 27981। अभिनंदन की आंखें सूजी हुई थीं। चेहरे से खून बह रहा था। अभिनंदन की आंखें कपड़े से बांधकर उसे पाक जवान यूनिट ले आए।
विंग कमांडर अभिनंदन से पूछताछ कर रहे
इस दौरान होरान गांव के किसी ग्रामीण ने सोशल मीडिया पर अभिनंदन काे पकड़ने वाला वीडियो डाल दिया। कुछ ही मिनटों में ये वीडियो भारत में भी देखा गया। भारत को कन्फर्म हो गया कि अभिनंदन जिंदा हैं और वे पाकिस्तान आर्मी की कस्टडी में हैं। थोड़ी ही देर में पाकिस्तान आर्मी ने भी एक वीडियो वायरल कर दिया। इसमें वो विंग कमांडर अभिनंदन से पूछताछ कर रहे थे। ये एक प्रोपेगेंडा वीडियो था, जो एडिटेड था। इसमें अभिनंदन के मार्फत शांति की अपील की गई थी। पाकिस्तान आर्मी की तारीफ की गई थी। जिनेवा संधि के तहत किसी युद्ध बंदी को तंग नहीं किया जाना चाहिए। न ही डराया या धमकाया जाना चाहिए। युद्ध बंदी से सिर्फ उसका नाम, सेना में पद और यूनिट के बारे में पूछा जा सकता है। अभिनंदन का वीडियो वायरल होते ही भारत सरकार एक्टिव हो गई। तुरंत विदेश मंत्रालय ने एक्शन प्लान बनाया। पाकिस्तान को संदेश भिजवाया गया कि वो जिनेवा संधि के अनुसार अभिनंदन को वापस लौटाए। उस समय पाकिस्तान में भारत के राजदूत रहे अजय बिसारिया के मुताबिक जब ये घटनाक्रम हुआ वे दिल्ली में थे। अभिनंदन मामले में दोनों देशों के बीच राजदूतों के माध्यम से ही बात हो रही थी। उन्होंने पाकिस्तान को संदेश भिजवाया कि अभिनंदन को कुछ हुआ तो ठीक नहीं होगा। भारत सरकार ने कई तरीकों से पाकिस्तान पर डिप्लोमैटिक दबाव बनाने की योजना बनाई। उधर पाकिस्तान इस मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की तैयारी कर रहा था, लेकिन भारत की सख्ती के आगे वो ऐसा नहीं कर सका।
अमेरिका और ब्रिटेन के राजदूतों को बताया कि
हमले की आशंका से रातभर P5 देशों के राजदूत मीटिंग करते रहेविदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की घेराबंदी के लिए भारत में P5 देशों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के राजदूतों को बुलाया। एक दिन में तीन-तीन बार इनसे बात की गई। इसका उद्देश्य ये था कि सीधे ये लोग ही पाकिस्तान पर दबाव बनाएं। जब लगातार पाकिस्तान सरकार के पास अलग-अलग देशों की ओर से फोन जाने लगे तो पाकिस्तान दबाव में नजर आने लगा। इधर अजय बिसारिया ने भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर और ब्रिटेन के राजदूत डोमिनिक एक्स्विथ ने पाकिस्तान में वहां के अमेरिका और ब्रिटेन के राजदूतों को बताया कि वो पाकिस्तान के वार्ताकारों को बता दें कि भारत झुकने के मूड में नहीं है। यदि उसे और गुस्सा दिलाया गया तो बात युद्ध तक पहुंच सकती है। इस बीच चीन ने मध्यस्थता का प्रस्ताव रखा। उसने कहा कि वो भारत और पाकिस्तान में अपना प्रतिनिधि भेजकर मामले को सुलझा सकता है। भारत ने इससे इनकार करते हुए कहा कि वो इसे डील करने में सक्षम हैं।
अभिनंदन अंतरराष्ट्रीय तरीके से स्वदेश लौट सकते हैं
इधर भारत में विदेश मंत्रालय की टीम वो तरीका खोजने में लग गई कि किस तरह से अभिनंदन वापस लाएंगे। भारत नहीं चाहता था कि पाकिस्तान मीडिया का तमाशा करे। भारत ने कहा कि अभिनंदन अंतरराष्ट्रीय तरीके से स्वदेश लौट सकते हैं। भारत की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि अभिनंदन को लेने के लिए एक विमान इस्लामाबाद जाएगा। पाकिस्तान सरकार ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान ने तय किया कि वो दोपहर दो से पांच बजे वाघा बॉर्डर से वो अभिनंदन को सौंपेगा।