MAHAKUMBH में हुई भगदड़ मामले में UP STF कर रही साजिश के एंगल पर काम

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उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की जांच तेज कर दी है. यूपी एसटीएफ की टीमें साजिश के एंगल पर जांच करने में जुटी हैं. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि महाकुंभ में कहीं साजिश के तहत भगदड़ करवाई तो नहीं गई. अपनी जांच के तहत यूपी एसटीएफ संगम नोज के आसपास सक्रिय मोबाइल नंबरों का डेटा खंगाल रही है. महाकुंभ मेला क्षेत्र के DIG वैभव कृष्ण ने कहा, ‘मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ कहीं साजिश तो नहीं, इस एंगल से भी जांच की जा रही है. क्योंकि कई इनपुट ऐसे आए हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं.’

कंट्रोल रूम के सीसीटीवी से

सूत्रों की मानें तो 16 हजार से अधिक मोबाइल नंबरों के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है. अब तक की जांच में कई मोबाइल नंबर घटना के बाद से ही बंद आ रहे हैं. महाकुंभ मेला एरिया में बने कमांड एंड कंट्रोल रूम के सीसीटीवी से संदिग्धों को फेस रिकग्निशन ऐप के जरिए चिन्हित किया जा रहा. वसंत पंचमी के स्नान को लेकर यूपी पुलिस हाई अलर्ट पर है. आज रात भर यूपी पुलिस के बड़े अफसर रहेंगे महाकुंभ और प्रयागराज में फील्ड पर सक्रिय रहेंगे. वसंत पंचमी के मौके पर महाकुंभ में होने वाला तीसरा अमृत स्नान सोमवार सुबह 5 बजे से शुरू होगा. सबसे पहले सुबह 4 बजे पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अमृत स्नान के लिए संगम घाट पर पहुंचेगा. इसके बाद एक-एक करके अन्य 12 अखाड़े भी संगम में डुबकी लगाएंगे. बता दें कि मौनी अमावस्या के दिन 29 और 30 जनवरी की दरमियानी रात 2 बजे के करीब प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ मची थी. घटना के करीब 16 घंटे बाद महाकुंभ प्रशासन ने 30 श्रद्धालुओं की मौत और 60 के घायल होने की पुष्टि की थी.

4 फरवरी तक वाहनों की एंट्री बैन

उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, 2 फरवरी को सुबह 8 बजे तक 41.90 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र डुबकी लगाई थी. इस तरह महाकुंभ के दौरान अब तक 34 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया है. वसंत पंचमी के मौके पर 3 फरवरी को होने वाले अमृत स्नान से पहले प्रयागराज शहर में बाहर से आने वाली गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. दूसरे जनपदों से आने वाले श्रद्धालुओं को अपने वाहन शहरी क्षेत्र के बाहर बनाए गए पार्किंग स्टैंड में खड़े करने होंगे. यहां से श्रद्धालु शटल बस और पैदल चलकर निकटतम घाटों पर पहुंच सकेंगे. यह व्यवस्था 2 से 4 फरवरी तक लागू रहेगी. बड़े और छोटे वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं.

मेला को शहर से जोड़ने वाले सभी

महाकुंभ में 29-30 जनवरी की दरमियानी रात मची भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहतर भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं. इसके तहत मुख्य स्नान पर्व के एक दिन पहले और एक दिन बाद तक, शहर में वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया है, सभी वीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं. महाकुंभ मेला को शहर से जोड़ने वाले सभी 40 पांटून पुलों को खोल दिया गया है. पहले, वैध पास वाले वाहनों को महाकुंभ मेला क्षेत्र में स्थापित विभिन्न शिविरों तक यात्रा करने की अनुमति थी. वीआईपी पास रखने वालों को विभिन्न सेक्टरों में अखाड़ों और साधुओं के तंबू तक जाने की अनुमति थी.

सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि

महाकुंभ मेला का प्रबंधन देख रहे अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि पुलिस और प्रशासन के वाहनों, एम्बुलेंस और अन्य आवश्यक सेवा प्रदाता वाहनों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘प्रयागराज जाने की योजना बना रहे वीआईपी और वीवीआईपी प्रतिनिधिमंडलों को स्पेशल ट्रीटमेंट या प्रोटोकॉल प्राप्त नहीं होंगे. इसके अतिरिक्त, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी वीआईपी या वीवीआईपी मूवमेंट के बारे में कम से कम एक सप्ताह पहले सूचित किया जाना चाहिए. यह नियम अंतिम क्षणों में होने वाली वीआईपी यात्राओं को रोकने में मदद करेगा जो तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था को बाधित कर सकती हैं.

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