नोएडा पुलिस अपराध और अपराधियों के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा के लिए भी कड़े कदम लगातार…
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UP में हाईटेक पुलिस के नाम से मशहूर Noida Police को महीनों से नहीं मिल पा रहा रवि काना….
भले ही यूपी की नोएडा पुलिस कितनी ही तेजतर्रार है और बहुत ही फुर्ती के साथ काम करती है। इसके बावजूद आज के समय में एक बदमाश, जो युवती के साथ गैंगरेप का मुख्य आरोपी भी है, वो बीते कई महीनों से पुलिस की गिरफ्त से फरार है। पुलिस लाख कोशिशों के बाजवूद उसे पकड़ नहीं पा रही। हम बात कर रहे हैं, स्क्रैप माफिया और सरिया तस्करी करने वाले रवि काना की, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर 19 जुलाई 2023 को एक युवती के साथ दुष्कर्म किया था। इस वारदात के बाद से वो फरार चल रहा है। अब तक रवि काना और उसके साथियों की करीब 260 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को नोएडा पुलिस के द्वारा जब्त किया गया है, लेकिन अभी तक उसका पता नहीं लग पाया है। उसकी गिरफ्तारी के मामले में अभी तक पुलिस के हाथ खाली ही हैं।
कौन है रवि काना
सबसे पहले आपको बताते हैं कि आखिर रवि काना है कौन ? दरअसल, रवि काना हरेंद्र प्रधान दादुपुर का छोटा भाई है। हरेंद्र प्रधान की हत्या वर्ष 2015 में सुंदर भाटी ने कार्रवाई थी। हरेंद्र की हत्या होने के बाद स्क्रैप और सरिया तस्करी का सारा काम रवि काना ने संभाल लिया। हरेंद्र की मौत के बाद रवि काना ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की, जिसके बाद सरकार ने रवि काना को पुलिस सुरक्षा दी।
सुरक्षा मिलने के बाद रवि ने इसका दुरुपयोग किया। रवि काना ने स्क्रैप माफिया और तस्करी के लिए पुलिस सुरक्षा का इस्तेमाल किया था। हालांकि, करीब 6 महीने पहले रवि काना की पुलिस सुरक्षा हटा ली गई। इसके बाद भी रवि काना की हरकतों ने सुधरने का नाम नहीं लिया।
कई महीनों से है फरार
बीती 19 जुलाई 2023 को स्क्रैप माफिया और सरिया तस्करी करने वाले रवि काना ने अपने 4 साथियों के साथ मिलकर नोएडा में एक युवती के साथ गैंगरेप किया था। गैंगरेप के बाद रवि ने करीब 6 महीने तक युवती को ब्लैकमेल किया। गैंगरेप मामले में रवि काना अभी फरार है लेकिन पुलिस इस मामले में सात आरोपियों को जेल भेज चुकी है। इसके साथ ही उसकी पत्नी मधु, सेक्रेटरी कविता झा समेत नौ आरोपी फरार हैं। इतने महीने बीतने के बावजूद पुलिस रवि काना को पकड़ने में असफल है। ऐसे में पुलिस विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठना भी लाजमी है कि आखिर इतनी हाइटेक होने के बावजूद पुलिस के हाथ अभी तक खाली क्यों हैं ?
महादेव एप के 18 आरोपियों पर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह का चला चाबुक, गैंगस्टर की कार्रवाई कर केस किया दर्ज
देश भर में चर्चित महादेव बेटिंग ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले 18 आरोपियों के खिलाफ नोएडा पुलिस करेगी गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर हुई कार्रवाई। केंद्र सरकार ने ईडी के आग्रह पर महादेव सट्टेबाजी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है।एप को बंद करने के लिए नोएडा पुलिस ने भी लिखा था पत्र। इस बेटिंग ऐप के चलते ही कई फिल्म स्टार भी अलग-अलग एजेंसियों के रडार पर हैं।
सेक्टर 39 में केस दर्ज
नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह का एक बड़ा एक्शन देखने को मिला है। जिसमें पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने महादेवा एप के 18 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई है। पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद नोएडा के सेक्टर 39 में 18 लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई करने में जुटी है।
एल्विश यादव सांप कांड में नया अपडेट, पुलिस को मिली पांचों आरोपियों की कस्टडी, 7 दिन बाद आएगी फॉरेंसिंक रिपोर्ट
फेमस यूट्यूबर और ‘बिग बॉस ओटीटी सीजन 2’ के विनर एल्विश यादव के सांप कांड मामले में नया अपडेट सामने आया है। नोएडा पुलिस को रेव पार्टी में सांपों के जहर के इस्तेमाल के केस में गिरफ्तार पांच आरोपियों की 12 नवंबर तक हिरासत मिली है। इसके अलावा इसमें एल्विश की भूमिका की जांच भी की जा रही है। नोएडा से जब्त किए गए जहर के नमूने टेस्ट के लिए जयपुर की फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भेज दिए गए थे, जिसकी रिपोर्ट सात दिन बाद आएगी। इस विवाद के बीच एल्विश ने सलमान खान के साथ एक फोटो शेयर की है, जो वायरल हो रही है
सपेरों समेत पांच लोग और यूट्यूबर Elvish Yadav वन्यजीवन संरक्षण अधिनियम, 1972 के प्रावधानों और भादंसं की आपराधिक साजिश धारा के तहत दर्ज मामले में छह नामजद आरोपी हैं। आरोपियों राहुल (32), टीटू नाथ (45) ,जयकरण (50) ,नारायण (50) और रवि नाथ (45) को 3 नवंबर को नोएडा के एक बैंक्वेट हॉल से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। पांचों साउथ ईस्ट दिल्ली के बदरपुर में मोहरबंद गांव के रहने वाले हैं।
ड्रग्स मामले में बड़े खुलासे के बाद नोएडा के 10 पुलिसकर्मी फंसे
गौतमबुद्ध नगर में 10 पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जिनकी संलिप्ता से सैकड़ों करोड़ रुपए का ड्रग्स ग्रेटर नोएडा में बना। दरअसल, बीते 17 मई 2023 को ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 कोतवाली क्षेत्र में स्थित एक मकान में ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया था। इस मामले में पहले से सवाल खड़े थे कि क्या पुलिसकर्मियों की ड्रग्स फैक्ट्री चलवाने में संलिप्त हैं? इस मामले की जांच गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने ग्रेटर नोएडा के डीसीपी को दी। करीब 4 महीने तक इस मामले में गंभीरता जांच की गई और अब हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है। ड्रग्स फैक्ट्री चलाने में ग्रेटर नोएडा के 10 पुलिसकर्मियों की संलिप्ता पाई गई है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर डीसीपी ने पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह को भेज दी। जिसके बाद अब इन 10 पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है। माना जा रहा है कि इन पुलिस कर्मियों की वजह से ही गौतमबुद्ध नगर पुलिस की वर्दी पर दाग लगा है।
चौकी और प्रभारी अधिकारियों के नाम शामिल
जानकारी के मुताबिक इसमें कई प्रभारियों की भी संलिप्तता बताई जा रही है। हालांकि इसमें कौन-कौन पुलिसकर्मी शामिल हैं, इसका खुलासा उन्होंने नहीं किया। बीटा दो थाना क्षेत्र में 31 मई को मित्रा सोसाईटी में यह फैक्टरी पकड़ी गई थी। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा कि जांच में जिन पुलिसकर्मियों के नाम आए हैं, उन पर कार्रवाई होगी। जांच के दायरे में आए पुलिसकर्मियों की संख्या 10 से अधिक भी हो सकती है। जांच रिपोर्ट में 2019 में यह फैक्टरी स्थापित होने से लेकर 2023 में पकड़े जाने के दौरान थाना, चौकी और प्रभारी अधिकारियों के नाम हैं।
ड्रग्स की कीमत थी 300 करोड़ रुपए
ग्रेटर नोएडा की ड्रग्स फैक्ट्री तीन साल से चल रही थी। इस ट्रक फैक्ट्री में अब तक कितने मादक पदार्थ बनाए जा चुके हैं? इसका अंदाजा लगाना पुलिस के लिए संभव नहीं है। इस ऑपरेशन में शामिल रहे पुलिस अफसरों का कहना था कि कार्यवाही के दौरान 46 किलोग्राम तैयार एमडीएमए ड्रग्स मिला है। करीब इतनी ही मात्रा में रसायन मिले हैं। इन सब की कीमत 300 करोड़ रुपए है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले 3 वर्षों के दौरान इन लोगों ने कितना ड्रग्स बनाया होगा। उस ड्रग्स की मात्रा और उसकी कीमत का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल है। पुलिस का मानना है कि इन लोगों ने हजारों करोड़ रुपए का ड्रग्स बनाकर ना केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि देशभर में खपाया है। अब पुलिस इस गैंग को केमिकल सप्लाई करने वालों और तैयार ड्रग्स को डिस्ट्रीब्यूट करने वालों का पता गाने में जुट गई है।
150 करोड़ की एमडीएमए बरामद की थी
इस मामले में पुलिस ने ड्रग्स फैक्टरी से लगभग 150 करोड़ की एमडीएमए बरामद की थी। मामले में अफ्रीका मूल के साइमन, केसिएना रिमी और इग्वे साइमन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। स्वाट टीम, बीटा-2 व कासना थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने यह फैक्टरी पकड़ी थी। इसका लिंक 16 मई को सूरजपुर थाना एरिया के थीटा-2 में पकड़ी गई ड्रग्स फैक्ट्री के संचालन में शामिल एक आरोपी से रिमांड पर पूछताछ में पुलिस को मिला था।
इन 5 लाख लोगों को सप्लाई होता ड्रग्स
गौतमबुद्ध नगर उत्तर भारत का सबसे बड़ा एजुकेशन हब है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 10 विश्वविद्यालय हैं। करीब 150 दूसरे शिक्षण संस्थान हैं। इनमें तीन लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। जिले में 50 से ज्यादा मुल्कों के छात्र हैं। ड्रग्स कार्टेल की नजर इन 3 लाख स्टूडेंट्स पर थी। इसके अलावा पूरे दिल्ली-एनसीआर में युवा पेशेवर इनके सबसे बड़े खरीदार बताए जाते हैं। अकेले गौतमबुद्ध नगर में यूथ प्रोफेसनल्स की संख्या दो लाख है।
कहां पर थी ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री
सारे अभियुक्त अफ्रीकी मूल के निवासी हैं और दिल्ली-एनसीआर रीजन में ड्रग्स सप्लाई सिंडीकेट चलाते थे। यहीं इनका बेस था। हाल में ग्रेटर नोएडा के सेक्टर थीटा-2 स्थित मकान नंबर 279 में इन्होंने एक फैक्ट्री सैट-अप बनाया था। ड्रग्स मैन्यूफैक्चरिंग के बाद ये उसकी सप्लाई दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में करते थे। इनके रॉ मैटेरियल और केमिकल सप्लायर्स थे।
11 देशों में फैले महादेव एप का आखिर क्या है नोएडा कनेक्शन? गौतमबुद्धनगर में बैठकर 400 करोड़ से ज्यादा की ठगी
देशभर में हजारों करोड़ का फर्जीवाड़ा करने वाले महादेव एप का नोएडा से भी संबंध रहा है। भारत सरकार ने महादेव एप को प्रतिबंधित कर दिया है। इस एप से फर्जीवाड़ा करने वाले एक हाईप्रोफाइल गिरोह का नोएडा पुलिस ने फरवरी 2023 में खुलासा किया था। इसमें नोएडा में बैठकर 400 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई थी
नोएडा पुलिस में अभी भी इस गिरोह के कई आरोपी वांटेड हैं। एक बार फिर महादेव एप चर्चा में है। नोएडा पुलिस ने महादेव एप से जुड़े एक गिरोह के 16 जालसाजों को गिरफ्तार किया था। ये जालसाज सेक्टर-108 में एक मकान किराए पर लेकर जालसाजी कर रहे थे। उस दौरान पूछताछ में 400 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई थी।
जालसाज सेक्टर-108 में एक मकान किराए पर लेकर जालसाजी कर रहे थे। उस दौरान पूछताछ में 400 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जीवाड़ा करने की बात सामने आई थी।
उस दौरान सौरभ नामक एक मास्टरमाइंड का भी नाम सामने आया था। जिसके बारे में बताया गया था कि वह दुबई में बैठकर इस गैंग को ऑपरेट कर रहा है। सौरभ अभी तक पकड़ा नहीं गया है। नोएडा पुलिस ने इस दौरान जालसाजों से डेढ़ करोड़ रुपये भी बरामद किए थे।
11 देशों में नेटवर्क होने की मिली थी जानकारी
जब नोएडा पुलिस ने इस हाईप्रोफाइल जालसाज गिरोह का खुलासा किया, तब 11 देशों में नेटवर्क होने की जानकारी मिली थी। इनमें दुबई, श्रीलंका, मालदीव, सिंगापुर से लेकर अन्य एशियाई व अफ्रीकी देश शामिल हैं। वहीं कई देशों में फ्रेंचाइजी देने की बात भी सामने आई थी। हालांकि इस एप के चलाने वालों का केंद्र छत्तीसगढ़ था।
इस कारण नोएडा पुलिस आगे की कार्रवाई कर नहीं पाई थी। अब ईडी समेत अन्य एजेंसियां इसकी जांच में जुटी हुई हैं। महादेव एप के खुलासे के बाद पता चला था कि सचिन इस फर्जी एप का नोएडा में हेड था। पुलिस ने सचिन समेत उसकी गर्लफ्रेंड व अन्य के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था, लेकिन अब तक दोनों गिरफ्तार नहीं हुए
Elvish Yadav Case: NOIDA POLICE का एल्विश यादव पर शिकंजा हुआ तेज, पूछताछ के लिए भेजा नोटिस…खुलेंगे कई राज़
रेव पार्टी में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में घिरे एल्विश यादव की मुसीबत अब बढ़ गई है। नोएडा पुलिस ने एलविश यादव को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है। इस मामले में गिरफ्तार पांचों आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड की सुनवाई कोर्ट में जारी है। इस मामले में पुलिस की सा टीम में जांच में जुटी हुई है
नोएडा कमिश्नरेट के डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि रेव पार्टी में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में आरोपी एल्विस यादव को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अब पुलिस की टीम इस प्रकरण में एल्विस यादव से पूछताछ करेगी और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वही सूरजपुर स्थित कोर्ट में इस मामले में गिरफ्तार पांचो आरोपियों की 14 दिन की डिमांड पर सुनवाई चल रही है। आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड मिलते ही अलग-अलग टीम इनसे पूछताछ करेंगी
कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अब पुलिस की टीम इस प्रकरण में एल्विस यादव से पूछताछ करेगी और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वही सूरजपुर स्थित कोर्ट में इस मामले में गिरफ्तार पांचो आरोपियों की 14 दिन की डिमांड पर सुनवाई चल रही है। आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड मिलते ही अलग-अलग टीम इनसे पूछताछ करेंगी।
हाईप्रोफाइल मामले की जांच कोतवाली सेक्टर-49 से हटाकर कोतवाली सेक्टर-20 को सौंप दी गई है। पीपुल फॉर एनिमल (पीएफए) की ओर से शुक्रवार को कोतवाली सेक्टर-49 में सांपों का जहर सप्लाई करने के मामले में एल्विश यादव समेत छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था हालांकि एल्विश पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब पुलिस एल्विश पर कार्रवाई की तैयारी में जुटी है। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि एल्विश को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
वहीं इस जांच को आगे बढ़ाने व साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी देकर गिरफ्तार राहुल, टीटूनाथ, जयकरण, नारायण और रविनाथ की 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी है। रिमांड मिलने के बाद पुलिस पांचों से पूछताछ करेगी।
पुलिस पांचों आरोपियों की कॉल रिकार्ड खंगाल रही है। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि आरोपियों की एल्विश से बात होती थी या नहीं। वहीं एल्विश के खिलाफ केस दर्ज करने वाले सेक्टर-49 थाना प्रभारी को लाइन हाजिर करने के बाद अब मामले की जांच भी सेक्टर-49 से हटाकर सेक्टर-20 थाने को ट्रांसफर कर दी गई है। इससे पहले मामले के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर दीपक थे। अब जांच का जिम्मा इंस्पेक्टर कैलाशनाथ को सौंपा गया है।
रेव पार्टी का इनपुट मिला
पुलिस की जांच में दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में रेव पार्टी के आयोजन की बात सामने आई है। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है कि इन पार्टियों में सांपों के जहर की सप्लाई की जाती थी या नहीं। इसके साथ ही नोएडा में रेव पार्टी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस प्रकरण में एल्विश यादव पर रेव पार्टी आयोजित कराने, पार्टी में सांपों का जहर सप्लाई करने और विदेशी लड़कियों को बुलाने के आरोप लगे हैं
पुलिस एल्विश के सोशल मीडिया अकाउंट समेत नाइजीरियन एप खंगाल रही है। आशंका है कि सोशल मीडिया व नाइजीरियन एप के माध्यम से सापों के जहर को लेकर सौदा किया गया था। जिस तरह डार्क बेव पर ड्रग्स की डील होती है। उसी तरह सांपों के जहर की सप्लाई की आशंका जताई जा रही है। पुलिस कई साइट, विदेशी एप समेत अन्य अकाउंट खंगाल रही है।
एल्विश यादव को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। मामले की जांच जारी है। सभी तरह के साक्ष्यों को एकत्र करने का काम चल रहा है। गिरफ्तार आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। – लक्ष्मी सिंह, पुलिस कमिश्नर
Elvish Yadav Arreste: आखिर क्यों कोटा से गिरफ्तार हुए एल्विश यादव को UP पुलिस से बात होने के बाद दे दी रिहाई?
ओटीटी बिग बॉस 2 के विजेता एल्विश यादव को राजस्थान के कोटा से गिरफ्तार कर लिया गया है. कोटा ग्रामीण पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सुकेत थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान रेव पार्टी में सांप के विष प्रयोग में लेने के मामलों में आए थे. विवादों में कोटा ग्रामीण पुलिस ने नोएडा पुलिस से संपर्क किया. फिलहाल ग्रामीण पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है.
बता दें कि बीते शुक्रवार को ओटीटी बिग बॉस 2 के विजेता एल्विश यादव को नोएडा में रेव पार्टी में सांपों का जहर परोसने के आरोप लगने का मामला सामने आया था. तो वहीं, खबरों की माने तो बॉलीवुड के टाइगर सलमान खान ने एल्विश यादव का सपोर्ट किया था. इसके बाद एल्विश यादव को ‘बिग बॉस 17’ के सेट पर भी देखा गया था. इस दौरान वो अपनी अपकमिंग म्यूजिक वीडियो ‘बोलेरो’ का प्रमोशन करने के लिए पहुंचे थे.
नोएडा पुलिस ने रेव पार्टी में रेड मारकर Bigg-Boss विनर एल्विश यादव का सिस्टम किया हैंग, 6 गिरफ्तार… FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सेक्टर-49 कोतवाली क्षेत्र में पुलिस ने सेक्टर-51 के सेफरन वेडिंग विला…