जेल शिफ्टिंग के दौरान अली अहमद की बयानबाज़ी पर एक्शन, नप गए दारोगा साहब

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उत्तर प्रदेश में हाल ही में एक सुरक्षा चूक चर्चा का विषय बन गई, जब माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को जेल ट्रांसफर के दौरान मीडिया से बातचीत करने का मौका मिल गया। नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल ले जाए जा रहे अली ने ट्रांजिट के वक्त खुलकर पत्रकारों से अपनी बात कही। यह वही क्षण था, जो बाद में पुलिस महकमे पर सवाल बनकर खड़ा हो गया। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है। मामले में तैनात एक सब इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

सुरक्षा दिशा-निर्देशों की अनदेखी का मामला

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह स्पष्ट रूप से सुरक्षा दिशा-निर्देशों की अनदेखी का मामला है, जो गंभीर माना जा रहा है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि अली की बातचीत और उसका रिकॉर्ड वीडियो, जेल स्थानांतरण की प्रक्रिया के दौरान नियमों का उल्लंघन था। इस बीच, ट्रांजिट टीम के अन्य सदस्यों से भी पूछताछ शुरू कर दी गई है, ताकि यह समझा जा सके कि कैसे मीडिया की पहुंच संभव हुई।

अली ने मीडिया से कहा था कि वह अपनी जान को लेकर चिंतित है और राज्य सरकार से सुरक्षा की मांग करता है। यह बयान वायरल होते ही सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई।

इसके कुछ घंटे बाद, झांसी जेल परिसर के भीतर एक और वीडियो सामने आया, जिसमें मोबाइल कैमरे से रिकॉर्डिंग हुई थी। चूंकि जेल में मोबाइल फोन की सख्त मनाही होती है, इसलिए इस पर भी जांच के आदेश दिए गए हैं।

न्यायिक हिरासत में है अली अहमद

ज्ञात हो कि अली अहमद पर संगीन आरोप हैं, और वह फिलहाल रंगदारी से जुड़े एक मामले में न्यायिक हिरासत में है। जेल से जुड़ी इस चूक ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था की गंभीरता और उसकी निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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