फिरोजाबाद पुलिस की एक बड़ी चूक चर्चा में है, जिसने पूरे महकमे की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, एक वाहन चोरी के केस में कोर्ट द्वारा जारी किए गए गैर-जमानती वारंट (NBW) को लेकर एक अजीबो-गरीब घटना सामने आई है, जहां आरोपी की तलाश करने की बजाय उपनिरीक्षक ने उसी जज को ‘गैरमौजूद’ बताया, जिन्होंने वारंट जारी किया था।
ये है मामला
मामला अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) नगमा खान की कोर्ट से जुड़ा है। कोर्ट ने 13 साल पुराने केस सरकार बनाम राजकुमार उर्फ पप्पू में आरोपी की लगातार गैरहाजिरी पर NBW जारी किया था। आरोपी थाना उत्तर क्षेत्र का निवासी है। वारंट को तामील कराने की जिम्मेदारी थाना उत्तर में तैनात दरोगा बनवारी लाल को दी गई थी।
लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही कि दरोगा जी ने वारंट में आरोपी की जगह खुद जज का नाम भर दिया और रिपोर्ट भी यही भेज दी कि “इस पते पर नगमा खान नहीं रहती हैं।” यह रिपोर्ट जब न्यायालय में पहुंची तो खुद जज नगमा खान सकते में आ गईं।
एसएसपी ने किया दारोगा को लाइन हाजिर
इस गंभीर लापरवाही पर उन्होंने पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर तत्काल संज्ञान लेने की मांग की। एसएसपी सौरभ दीक्षित ने मामले को गंभीर मानते हुए उपनिरीक्षक को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया। वहीं एसपी सिटी रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि इस चूक की विभागीय जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है।
पुलिस की इस लापरवाही ने एक बार फिर जांच-पड़ताल की प्रक्रिया में सटीकता और सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दे दिया है। फिलहाल पूरे विभाग में इस मामले को लेकर चर्चा तेज है।