तो क्या माफिया राजनीती करना चाहती है कांग्रेस… UP POLICE एनकाउंटर में मारे गए बदमाश विनोद उपाध्याय के घर पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष

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प्रदेश के सुल्तानपुर में एक लाख रुपये के इनामी बदमाश विनोद उपाध्याय के पुलिस एनकाउंटर का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को पर प्रेस कांफ्रेंस कर एनकाउंटर की न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि विनोद उपाध्याय की हत्या कर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने अपने विरोधी को निपटाने का काम किया है. मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले बदमाश विनोद उपाध्याय के खिलाफ दर्जनों हत्या और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं.

बदमाश विनोद उपाध्याय का भी नाम शामिल

यूपी पुलिस इस बदमाश की तलाश साल 2004 से ही कर रही थी, लेकिन वह लगातार बच निकल रहा था. इधर, सूबे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गठित सरकार ने शपथ लेने के साथ ही अपराध और अपराधियों के खात्मे की दिशा में एक्शन शुरू कर दिया. इसके लिए टॉप 68 अपराधियों की लिस्ट बनी थी. इसमें एक लाख रुपये के इनामी बदमाश विनोद उपाध्याय का भी नाम शामिल था. पुलिस के मुताबिक बीते 20 साल में यह बदमाश तीन बार इस बदमाश के सिर पर मौत मंडरायी, लेकिन हर बार यह बच निकला. इस बार भी उसने अपने बचाव की खूब कोशिश की, लेकिन कोई जुगाड़ काम नहीं आया और सुल्तानपुर में एसटीएफ से मुठभेड़ में यह बदमाश ढेर हो गया.

टॉप टेन अपराधियों में शामिल था विनोद

प्रदेश पुलिस के मुताबिक यह बदमाश यूपी के टॉप टेन अपराधियों में शामिल है. साल 2004 में जब यह बदमाश जेल में था तो वहीं एक अन्य बदमाश जीत नारायण मिश्र ने थप्पड़ मार दिया था. बाद में जमानत पर बाहर आने के बाद इसने जीत नारायण मिश्रा को उसके संत कबीर नगर के बखिरा थाना क्षेत्र स्थि गांव में जाकर गोलियों से भून डाला था. उस समय पुलिस ने संत कबीर नगर में ही इसकी घेराबंदी कर ली थी, लेकिन ऐन वक्त पर सत्ताधारी दल के एक मंत्री ने पुलिस को रोक लिया.

2007 में लाल बहादुर गैंग ने की थी फायरिंग

इसके बाद साल 2007 में लोक निर्माण विभाग में विनोद के ऊपर लाल बहादुर यादव गैंग के लोगों ने फायरिंग की. इस घटना में इसके दो साथी मारे गए, जबकि यह खुद कर बच गया था. तीसरी बार साल 2016 इस बदमाश के सिर पर काल मंडराया. दअरसल इसका एक दोस्त किसी वजह से नाराज हो गया और उसने बाराबंकी के अंशु दीक्षित को इसकी सुपारी दे दी. इसी क्रम में एक दिन विनोद जब अपने एक दोस्त के साथ लखनऊ जा रहा था तो अंशु ने हत्या के इरादे से उसे रोकने की कोशिश की थी.

सरेंडर की फिराक में था विनोद उपाध्याय

उस समय बड़ी मुश्किल से यह बदमाश हजरतगंज में छिप कर अपनी जान बचाने में सफल हुआ था. मौत को तीन बार धोखा देकर निकला यह बदमाश एसटीएफ के सामने जब चौथी बार आया तो बेमौत मारा गया. कहा तो यह भी जा रहा है कि जब 17 जून 2023 को पुलिस ने विनोद के मोगलाहा स्थित अवैध कब्जे वाले मकान पर बुलडोजर चलाया, उसी समय से लगने लगा था कि इसका कभी भी एनकाउंटर हो सकता है. इसका एहसास विनोद को भी था, इसलिए उसने एक बड़े पुलिस अफसर के साथ एक करोड़ रुपये में सेटिंग कर ली और सरेंडर करने ही वाला था कि आला अफसरों को खबर हो गई. इसके चलते सरेंडर का प्लान फेल हो गया और कुछ ही दिनों के अंदर एनकाउंटर में यह मारा गया.

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