स्क्रैप माफिया रवि काना को पुलिस ने लुक्सर जेल की हाई सिक्यॉरिटी बैरक में रखा है। वहीं, उसकी महिला दोस्त काजल झा को 65 महिला बंदियों के बीच बैरक में रखा गया है। दोनों ने एक ही बैरक में रहने की इच्छा जताई थी, लेकिन जेल प्रशासन ने नियम का हवाला देकर इन्कार कर दिया है। पुलिस अब रवि काना के पीपीपी मॉडल पर चल रहे सिंडिकेट की कड़ी से कड़ी जोड़ रही है। सरिया मफिया से स्क्रैप माफिया बनने में पुलिस, पत्रकार और पॉलिटिशयन में जिस-जिस ने मदद की। उनकी कुंडली खंगालने के साथ ही सबूत जुटाए जा रहे हैं। पुलिस ने पूछताछ के बाद 3 पेज की लिस्ट बनाई है। बताया जा रहा है कि उसमें क्षेत्रीय और लखनऊ तक के नेताओं और पुलिस अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं।
केस की पल-पल की अपडेट ले रहे
पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि रवि ने उसके काम में सहयोग करने वाले कई लोगों के नाम बताए हैं। बदले में वह उन्हें मोटी कमाई भी ट्रांसफर करता था। पुलिस अधिकारी से लेकर राजनेता को मदद के बदले प्रॉपर्टी, कार से लेकर महंगी जूलरी गिफ्ट करता था। पुलिस मामले में सभी की लिस्ट की तैयार कर रही है। सूत्रों की मानें तो कई लखनऊ के नेता और पुलिस अधिकारी केस की पल-पल की अपडेट ले रहे हैं। स्क्रैप माफिया रवि काना और उसके गैंग के खिलाफ 500 पन्नों की चार्जशीट नोएडा पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर कोर्ट में दाखिल की है।
बैंकॉक में गिरफ्तारी के बाद से उसने
जेल अधीक्षक अरुण प्रताप ने बताया कि जेल में आने के बाद रवि ने सबसे पहले मच्छरों से बचने के लिए क्रीम मांगी। उसने कहा कि मच्छर बहुत है, जिसकी वजह से वह सो नहीं पाएगा और बीमार हो जाएगा। इसके अलावा उसने सुबह उठकर ब्रश और टूथपेस्ट मांगा। जेल अधिकारियों को उसने बताया कि बैंकॉक में गिरफ्तारी के बाद से उसने ब्रश नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर 24 घंटे में उसकी गर्लफ्रेंड भी किसी महिला बंदी से नहीं बोली है। बैंकॉक से गिरफ्तारी के बाद जब रवि को इंडिया रिपोर्ट किया गया तो वह शुरू से ही पुलिस अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की मांग कर रहा है। सूत्रों के अनुसार रवि को डर है कि जेल में सुंदर भाटी गैंग के कई बदमाश बंद है इस जेल में उसको रखा गया है।
जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा मांगी
रवि काना हरेंद्र प्रधान दादुपुर का छोटा भाई है। हरेंद्र प्रधान की हत्या वर्ष 2015 में सुंदर भाटी ने करवाई थी। हरेंद्र नागर हत्याकांड गौतमबुद्ध नगर के चर्चित हत्याकांड में शामिल है। हरेंद्र नागर की हत्या होने के बाद स्क्रैप और सरिया तस्करी का सारा काम रवि काना ने संभाल लिया। हरेंद्र प्रधान हत्याकांड के बाद रवि काना ने अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा मांगी और सरकार ने रवि काना को पुलिस सुरक्षा दी। सुरक्षा मिलने के बाद रवि ने इसका दुरुपयोग किया। रवि काना ने स्क्रैप माफिया और तस्करी के लिए पुलिस सुरक्षा का इस्तेमाल किया था। रवि के अलावा उसकी भाभी यानी कि हरेंद्र नागर की बीवी बेवन नागर और भाई राजकुमार नागर को भी पुलिस सुरक्षा मिली। हालांकि, रेप का मुकदमा दर्ज होने से करीब 6 महीने पहले रवि काना की पुलिस सुरक्षा हटा ली गई थी। अब तक रवि के खिलाफ 12 आपराधिक केस दर्ज हैं।